बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकारी कर्मचारी लगातार हड़ताल पर, लेकिन कोई फायदा नही
बैंकों के लगातार हो रहे बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकारी कर्मचारी लगातार हड़ताल कर रहे हैं लेकिन इसका कोई फायदा नहीं दिख रहा है। 9 अक्टूबर को, सरकार ने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए बोलियां लगाई थी और कहा था कि वह एलआईसी के साथ मिलकर वित्तीय संस्थान में कुल 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।
रखी गई हैं यह शर्तें
इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई जैसे कि संभावित निवेशक के पास न्यूनतम 22,500 करोड़ रुपये का नेट वर्थ होना चाहिए। हालांकि शुक्रवार के अनुसार आईडीबीआई बैंक का मूल्य ₹47,633 करोड़ है, लेकिन कम से कम 30 प्रतिशत मार्कअप की भी योजना है।
अभी फिलहाल IDBI Bank में सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है और एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी है। लेकिन अभी भी हिस्सेदारी सौंपी जाएगी। जानकारी के अनुसार, केंद्र 30.48 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) आईडीबीआई बैंक में 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकती है।
April 2023 तक निजीकरण
सरकार April 2023 तक इस बैंक का निजीकरण कर देना चाहती है। आधे दर्जन से अधिक सार्वजनिक कंपनियों की सूची बनी हुई है जिसे सरकार निजीकरण का रास्ता दिखाना चाहती है। वहीं आईडीबीआई बैंक के लिए ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख 16 दिसंबर है और सभी ईओआई 180 दिनों के लिए वैध होंगे लेकिन यह डेट बढ़ भी सकता है।