आज के आर्थिक परिवेश में जहां करदाताओं को अपने कर दायित्व समझने में कठिनाई होती है, वहीं सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 फरवरी 2025 को नई आयकर बिल को मंजूरी दे दी है, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में इसे संसद में पेश करने का ऐलान किया। इस बिल का उद्देश्य मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 को बदलकर कर कानूनों को छोटा, सरल और आम जनता के लिए आसानी से समझ में आने योग्य बनाना है। आइए विस्तार से जानें कि यह नया आयकर बिल क्या है और करदाताओं के लिए यह कितना लाभकारी सिद्ध होगा।
नई आयकर बिल क्या है?
नई आयकर बिल संसद में पेश होते ही मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 के स्थान पर लागू हो जाएगी। इस बिल के अंतर्गत कर नियमों को संक्षिप्त व स्पष्ट भाषा में लिखा जाएगा, जिससे बिना अतिरिक्त प्रावधानों और स्पष्टीकरण के करदाताओं को अपने कर दायित्व समझने में आसानी होगी। केंद्रीय वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे ने बताया है कि नया बिल कर नियमों में निष्पक्षता बनाए रखते हुए उन्हें सरल और स्पष्ट बनाने का प्रयास करेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में पिछले जुलाई में आयकर अधिनियम की समीक्षा की घोषणा की थी, जिससे यह पहल शुरू हुई। सरकार का उद्देश्य है कि कर कानूनों को आधा तक छोटा किया जाए और इसे आम नागरिक भी बिना किसी पेशेवर मदद के समझ सकें।

बिल के मुख्य उद्देश्य
- सरलीकरण और स्पष्टता: कर कानूनों को आम जनता के लिए समझने योग्य बनाना।
- कानूनी विवादों में कमी: विवादास्पद प्रावधान हटाकर मुकदमेबाजी में कमी लाना।
- असंगत प्रावधानों का हटाना: पुराने और बेकार संशोधनों को हटाकर एक साफ-सुथरा कर ढांचा तैयार करना।
स्टेकहोल्डर्स की भागीदारी
इस नए बिल के निर्माण में करदाताओं, कर विशेषज्ञों और सामान्य नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक आंतरिक समिति का गठन किया है।
चार मुख्य श्रेणियों में सुझाव मांगे गए हैं:
- भाषा का सरलीकरण
- मुकदमों की संख्या में कमी
- अनुपालन में आसानी
- पुराने और बेकार प्रावधानों का हटाना
इसके लिए आयकर ई-फाइलिंग वेबसाइट पर 6 अक्टूबर 2024 को एक समर्पित वेबपेज लॉन्च किया गया था, जहाँ सभी स्टेकहोल्डर्स अपनी राय साझा कर सकते हैं।
बिल के प्रभाव और लाभ
- कम विवाद: सरल भाषा और स्पष्ट प्रावधानों के कारण कानूनी विवादों में कमी आएगी।
- अधिक समझ: करदाताओं को अपने कर दायित्वों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
- राजस्व तटस्थ: वित्त सचिव ने स्पष्ट किया है कि नया बिल राजस्व तटस्थ रहेगा, अर्थात कर दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, बल्कि केवल कानूनों को सरल और स्पष्ट बनाने पर जोर दिया जाएगा।
बिल पारित होने के बाद की प्रक्रिया
नई आयकर बिल संसद में पेश होने के पश्चात, इसे वित्तीय स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) को भेजा जाएगा। समिति की सिफारिशों के आधार पर संशोधन करके बिल को अंतिम रूप दिया जाएगा, और इसके बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।




