अगर आपने अपने परिवार के किसी सदस्य को पैसे या संपत्ति गिफ्ट की है और सोचा कि इससे टैक्स की बचत होगी, तो यह खबर आपके लिए है। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने हाल ही में इनकम क्लबिंग (Clubbing of Income) से जुड़े नियमों पर एक नया ब्रोशर जारी किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अगर आपने अपने जीवनसाथी, बच्चों या अन्य करीबी रिश्तेदारों को संपत्ति या इनकम ट्रांसफर की है, तो वह आपकी ही इनकम मानी जाएगी और उसी के हिसाब से टैक्स लगेगा।
आइए, इस नियम को आसान भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि यह आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है।
📌 इनकम क्लबिंग क्या है?
इनकम क्लबिंग का मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी कमाई या संपत्ति का मालिकाना हक दूसरे के नाम पर रखता है, लेकिन असल में वह खुद ही इसका लाभ उठा रहा है, तो यह इनकम उसकी ही मानी जाएगी और उसी के टैक्स स्लैब में जोड़ी जाएगी।
उदाहरण के लिए:
- अगर कोई पति अपनी पत्नी को पैसे गिफ्ट करता है और वह इससे फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करवाती है, तो FD पर मिलने वाला ब्याज पति की आय में जोड़ा जाएगा।
- अगर कोई माता-पिता अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर निवेश करते हैं, तो उस निवेश से होने वाली कमाई माता-पिता की इनकम में जुड़ जाएगी।
यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि लोग टैक्स चोरी के लिए अपनी इनकम को अपने परिवार के सदस्यों में न बांटें, जो कम टैक्स स्लैब में आते हैं।

📌 किन मामलों में इनकम क्लबिंग लागू होगी?
आयकर अधिनियम, 1961 के विभिन्न सेक्शन में इनकम क्लबिंग से जुड़े नियम दिए गए हैं। आइए, जानते हैं कि किन-किन मामलों में यह लागू होता है:
1️⃣ सेक्शन 60: इनकम का ट्रांसफर लेकिन एसेट का नहीं
अगर आपने किसी को इनकम ट्रांसफर की है, लेकिन संपत्ति (एसेट) अपने पास रखी है, तो उस इनकम पर टैक्स आपको ही देना होगा।
🔹 उदाहरण:
अगर आप किसी किराए की संपत्ति से होने वाली कमाई अपने बच्चे के खाते में ट्रांसफर कर रहे हैं, लेकिन संपत्ति अभी भी आपके नाम पर है, तो किराए से होने वाली आय आपकी ही मानी जाएगी।
2️⃣ सेक्शन 61: रिवोकेबल ट्रांसफर ऑफ एसेट्स
अगर आपने कोई संपत्ति किसी और को दी है, लेकिन आप कभी भी उसे वापस ले सकते हैं, तो इस पर टैक्स आपको ही भरना होगा।
🔹 उदाहरण:
अगर आपने किसी रिश्तेदार को एक प्रॉपर्टी दी है, लेकिन लीगल पेपर्स में लिखा है कि आप इसे भविष्य में वापस ले सकते हैं, तो इससे होने वाली इनकम आपकी ही गिनी जाएगी।
3️⃣ सेक्शन 64(1)(ii), 64(1)(iv), 64(1)(vii): जीवनसाथी की इनकम
अगर आप अपनी पत्नी या पति को कोई एसेट ट्रांसफर करते हैं, और इससे जो भी कमाई होती है, तो वह आपकी ही इनकम में जोड़ी जाएगी।
🔹 लेकिन इसमें कुछ छूट भी है:
✅ अगर पत्नी या पति अपनी स्वतंत्र आय से कोई निवेश करता है, तो इस पर क्लबिंग नहीं होगी।
✅ अगर यह ट्रांसफर तलाक के समझौते के तहत हुआ है, तो इनकम क्लबिंग लागू नहीं होगी।
4️⃣ सेक्शन 64(1)(vi), 64(1)(viii): बेटे की पत्नी (बहू) को दी गई संपत्ति
अगर आपने अपनी बहू (बेटे की पत्नी) को कोई संपत्ति गिफ्ट की है, तो इससे होने वाली इनकम आपकी इनकम में जोड़ी जाएगी।
🔹 महत्वपूर्ण नियम:
✅ अगर यह ट्रांसफर बेटे की शादी से पहले हुआ था, तो क्लबिंग लागू नहीं होगी।
✅ अगर संपत्ति आपके बेटे के नाम पर है, तो इनकम क्लबिंग लागू नहीं होगी।
5️⃣ सेक्शन 64(1A): नाबालिग बच्चे की इनकम
अगर नाबालिग (18 साल से कम उम्र) बच्चे की इनकम है, तो यह उस माता-पिता की इनकम में जोड़ी जाएगी, जिसकी कमाई अधिक है।
🔹 लेकिन कुछ छूट भी है:
✅ अगर बच्चा खुद कोई काम करता है या किसी विशेष प्रतिभा से कमाई कर रहा है, तो यह इनकम क्लबिंग में नहीं आएगी।
✅ इस इनकम पर ₹1,500 तक की छूट मिल सकती है।
6️⃣ सेक्शन 64(2): HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) की इनकम
अगर कोई व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत संपत्ति को HUF में जोड़ देता है, तो इससे होने वाली इनकम अभी भी उसकी व्यक्तिगत आय मानी जाएगी और उसी के नाम पर टैक्स लगेगा।
📌 इनकम क्लबिंग के कुछ अपवाद (Exceptions)
✅ अगर जीवनसाथी या बच्चा खुद किसी विशेष स्किल से कमाई कर रहा है, तो वह इनकम क्लबिंग के दायरे में नहीं आएगी।
✅ अगर पति-पत्नी में तलाक हो चुका है और संपत्ति ट्रांसफर इस समझौते का हिस्सा है, तो क्लबिंग लागू नहीं होगी।
✅ अगर संपत्ति की ट्रांसफर शादी से पहले हुई है, तो क्लबिंग लागू नहीं होगी।
📌 इनकम क्लबिंग से बचने के लिए क्या करें?
1️⃣ बजाय पैसे ट्रांसफर करने के, रिश्तेदार को खुद इनकम बनाने में मदद करें।
2️⃣ अगर गिफ्ट देना जरूरी है, तो इसे शादी के मौके पर दें, ताकि इसे कर-मुक्त किया जा सके।
3️⃣ इनकम टैक्स नियमों का सही पालन करें और जरूरत पड़ने पर CA या टैक्स एक्सपर्ट की मदद लें।
📌 नतीजा – क्या आपको चिंता करनी चाहिए?
अगर आप अपने परिवार के लिए कोई निवेश कर रहे हैं, तो इनकम क्लबिंग के नियमों को समझना बेहद जरूरी है।
✅ अगर आपने किसी को पैसा गिफ्ट किया है, तो उसकी इनकम आपकी इनकम में जोड़ी जा सकती है।
✅ गलत प्लानिंग से आपको अतिरिक्त टैक्स और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
✅ अगर आप सही टैक्स प्लानिंग करेंगे, तो इन नियमों के तहत आने वाली परेशानियों से बच सकते हैं।
🚀 अगर आप टैक्स सेविंग के लिए कोई रणनीति बना रहे हैं, तो एक बार एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें!




