अप्रैल में हुई लगातार शादियों में हुई लापरवाही लोगों के लिए काल बनकर आई
भारत के राजस्थान में सरकार के निर्देश के बावजूद अप्रैल में शादी समारोह में हद से ज्यादा लोगों को इक्क्ठा करने की कीमत लोगों को अब अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। खासकर गांव में लोगों को कोरोना के बारे में जागरूक करने की काफी आवश्यकता है। राजस्थान के एक गांव Siyalokala में अप्रैल में हुई लगातार शादियों में हुई लापरवाही लोगों के लिए काल बनकर आई। कोरोना से दुल्हन के पिता की ही मौत हो गई।
लोग बेपरवाही से इधर उधर घूम रहे हैं
आप गांव में जाकर पूछिए लोगों से कोरोना के बारे में, लोगों का कहना है कि कोरोना पोरोना कुछ नहीं है। टेस्ट होने के बाद भी लोग बेपरवाही से इधर उधर घूम रहे हैं। हालाँकि, लोगों की मृत्यु के बाद लोगों में दहशत जरूर है। लेकिन अभी बहुत सारे ऐसे गांव हैं जहां सामाजिक दुरी और मास्क लगाने जैसे नियमों का मजाक उड़ाया जाता है, या उन्हें ये सब बेफज़ूल लगता है।
लोगों की मांग है कि उनका दुबारा कोरोना टेस्ट हो लेकिन
इस गांव में 95 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। लोगों की मांग है कि उनका दुबारा कोरोना टेस्ट हो लेकिन इसके लिए उन्हें शहर का रुख करना पड़ेगा क्यूंकि अधिकतर गांव में मुहैया स्वास्थ्य सुविधा से तो हर कोई वाकिब है ! जी हाँ, यहां बड़े बड़े शहरों की स्वास्थ्य व्यवस्था मृत्यु शय्या पर लेटी है तो गावों की हालत का अंदाजा लगाने में आपकी रूह जरूर कांप जाए। यह बात ध्यान में रखनी होगी कि अगर कोरोना भारत के गांवों में बुरी तरह से फ़ैल जाता है तो लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इसपर काबू पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा। पहले से ही भारत में मौत और बेशर्मी का तांडव हो रहा है।
गांव वालों के पास आवागमन का साधन भी उपलब्ध नहीं है
गौरतलब, अभी भारत में जयादात्तर इलाकों में lockdown लगा है तो गांव वालों के पास आवागमन का साधन भी उपलब्ध नहीं है। वहीँ कुछ लोगों ने इसे भूत करार कर यह तर्क दिया है कि यह ठंड में चला जाता है और गर्मी में आ जाता है, डरने की जरूरत नहीं है। बहरहाल, सरकार को इसपर गांव के मासूम लोगों को जरूर बताना चाहिए कि यह ठण्ड में क्यों चला गया और गर्मी में क्यों आ गया ?