सरकार से पूछा है कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने प्रवासियों के कल्याण पर कितना खर्च किया गया
किसी भी देश का फ़र्ज़ है कि महामारी के दौरान निवासियों की उचित देखभाल करे। सभी का जरुरी ख्याल रखे और एक एक जान की कीमत समझे। Loktantrik Janata Dal MP MV Shreyams Kumar ने भी सरकार से पूछा है कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने भारतीय प्रवासियों के कल्याण पर कितना खर्च किया है। गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि भारत ने भी COVID-19 महामारी के दौरान पिछले दो वर्षों में अपने लोगों पर करीब 45.78 करोड़ रुपये खर्च कर चूका है।
खाड़ी देशों में काम कर रहे कामगारों की सुरक्षा के लिए किया गया है ज्यादातर फण्ड का इस्तेमाल
मंत्री का कहना है कि Indian Community Welfare Fund का ज्यादातर इस्तेमाल खाड़ी देशों में काम कर रहे कामगारों की सुरक्षा के लिए किया गया है। वहीँ विभ्भिन मुद्दों पर खाड़ी देशों से सम्पर्क की बात पर उन्होंने बताया कि कोरोना के दौरान पिछले दो सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाड़ी देशों के नेताओं से सोलह बार टेलीफोन पर बातचीत कर चुके हैं। एस जयशंकर खुद 13 बार और Muraleedharan चार बार गल्फ देशों में यात्रा कर चुके हैं।
लंबित वेतन को लेकर कामगार हैं चिंतित
उन्होंने बताया कि उनकी कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा कामगारों को मदद दे पाएं, उन्हें वापस उनके काम पर भेज पाएं। इसके अलावा एक और मुद्दा है जो कामगारों के लिए काफी अहम है, वह है, लंबित तनख्वाह का। कोरोना के कारन इस तरह की समस्या में उछाल आई है। इस पर उनका कहना है कि वह खाड़ी देशों के साथ इस मामले को लेकर सम्पर्क में हैं। हालाँकि, उन लोगों की लिस्ट अभी नहीं है जिनका वेतन रुका हुआ है लेकिन मजदूरी का भुगतान किया जाए इसे लिए तमाम कदम उठाने की बात कही गई है।
वापस काम पर भेजना हैं लक्ष्य.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि भारतीय कामगार खाड़ी देशों में अपने काम पर लौट सकें। इस मुद्दे को उच्चतम स्तर पर उठाया जा रहा है।
जयशंकर ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि खाड़ी देशों की आर्थिक स्थिति में सुधार और कोविड मामलों में कमी के बाद यात्र प्रतिबंधों में रियायत दी गई है और कई भारतीय कामगार अब वहां वापस लौट रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं बताना चाहता हूं.. हमने खाड़ी देशों की सरकारों के साथ बातचीत की है, जिसका नेतृत्व खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। पिछले दो वषों के दौरान प्रधानमंत्री ने खाड़ी देशों के नेताओं व अपने समकक्षों के साथ 16 बार टेलीफोन पर बातचीत की।’ विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने 13 बार और विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन चार बार खाड़ी देशों का दौरा कर चुके हैं। सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक कामगारों की वापसी है।