भारत सरकार ने ई-पासपोर्ट (e-Passport) सेवा आधिकारिक रूप से शुरू कर दी है। यह नया हाई-टेक पासपोर्ट पारंपरिक पासपोर्ट की जगह एक RFID चिप और एंटीना से लैस है, जिससे यात्री की पहचान और सुरक्षा प्रक्रिया डिजिटल रूप से पूरी की जा सकेगी।
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, यह सुविधा फिलहाल कुछ प्रमुख शहरों में शुरू की गई है और 2025 के अंत तक पूरे देश के पासपोर्ट सेवा केंद्रों (PSK) में उपलब्ध होगी।
📘 क्या है ई-पासपोर्ट
ई-पासपोर्ट एक साधारण पासपोर्ट बुकलेट जैसा ही होता है, लेकिन इसके पिछले कवर में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप (RFID) लगी होती है।
इसमें यात्री की फोटो, फिंगरप्रिंट और व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रूप से एन्क्रिप्टेड रूप में संग्रहित रहती है।
यह चिप Public Key Infrastructure (PKI) तकनीक से सुरक्षित है, जिससे पहचान की जालसाजी लगभग असंभव हो जाती है।

🌍 UAE में रहने वाले भारतीयों के लिए नई व्यवस्था
दुबई और अन्य खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीय अब तीसरी पीढ़ी के ई-पासपोर्ट प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें यह RFID चिप लगी होगी।
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28 अक्टूबर 2025 से नए आवेदन ई-पासपोर्ट के रूप में ही स्वीकृत होंगे।
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पुराने पासपोर्ट अपनी समाप्ति अवधि तक मान्य रहेंगे, बदलाव जरूरी नहीं है।
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अतिरिक्त शुल्क या बायोमेट्रिक प्रक्रिया की जरूरत नहीं है।
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दूतावास और कांसुलेट अब रोजाना लगभग 1,600 पासपोर्ट प्रोसेस करने की क्षमता रखते हैं।




