केंद्र सरकार ने विजन-2047 के मास्टर प्लान को अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना के तहत देशभर में हाई स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया जाएगा। फेज-एक और फेज-दो के अंतर्गत कुल 44,735 किलोमीटर हाई स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फेज-एक के तहत 18,200 किलोमीटर के काम को तुरंत शुरू किया जाए। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) मैदानी क्षेत्रों में इन राजमार्गों का निर्माण करेगा, जबकि पहाड़ी राज्यों में यह जिम्मेदारी राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) को सौंपी गई है।
योजना के प्रमुख बिंदु:
- फेज-एक के अंतर्गत 18,200 किलोमीटर हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण जल्द शुरू होगा।
- अगले 10 वर्षों में NHAI मैदानी क्षेत्रों में 34,000 किलोमीटर हाई स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेस-वे का निर्माण करेगा।
- यह परियोजना भारत के परिवहन नेटवर्क को आधुनिक बनाने और यात्रा समय को कम करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
इन सारे एक्सप्रेसवे और सुपर स्पीड कॉरिडोर के बनने के साथ ही देश के किसी कोने से किसी भी कोने में महा 24 घंटे में पहुंचा जा सकेगा जहां की आज पहुंचने में कई दिन लग जाते हैं. मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश समेत देश के कई ऐसे राज्य हैं जहां पर अब एक्सप्रेस वे का जाल पिछले 10 सालों में इतना बढ़ गया है कि लगभग हर जिले को पहुंचने के लिए एक्सप्रेसवे के रास्ते मौजूद हो चुके हैं.