बड़ी संख्या में कामगार करते हैं काम
भारत की बड़ी संख्या में कामगार खाड़ी देशों में सालों से काम करते आ रहे हैं। खाड़ी देशों में होने वाली परेशानियों के कारण उन्हें वापस घर करना पड़ता है। कुछ ऐसा ही भारतीय प्रवासी Sivarajan Nagapan Achari के साथ 33 साल पहले हुआ था। यह Indian staff member थे जो कि कुवैती शिक्षा मंत्रालय के लिए 1980 से लेकर 1990 तक काम कर चुके हैं।
बताते चलें कि Sivarajan Nagapan Achari कुवैत में मंत्रालय के स्पॉन्सरशिप के तहत sanitary technician assistant (plumber) का काम किया था। उनकी मंथली सैलरी 70 dinars तय की गई थी।
वर्ष 1990 में लौट आए थे भारत
लेकिन वर्ष 1990 में Iraqi हमले के कारण भारतीय प्रवासी को परेशान होकर कुवैत छोड़ना पड़ा था। यही कारण था कि प्रवासी को end-of-service gratuity (Indemnity) और vacation salary नहीं मिल पाई थी। जिसके लिए भारतीय प्रवासी ने विदेश मंत्रालय सहित भारतीय दूतावास में मदद की गुहार लगाई। पीड़ित ने कहा है कि उन्हें मुवावजा मिलना चाहिए।