31 अगस्त 2022 यानि आज से घरेलू उड़ान के लिए हवाई किराया तय करने का अधिकार घरेलू एयरलाइंस कंपनियों को मिल गया है. बीते 27 महीने से हवाई किराये के लोअर और अपर कैप पर सरकार ने जो सीमा लगा रखी थी वो खत्म हो गई है. एयरलाइंस अब हवाई किराये खुद तय कर सकती है जैसे कोरोना पूर्व दौर में कर रही थीं.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसी महीने के दूसरे हफ्ते में इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा था कि घरेलू विमान ऑपरेशन और हवाई सफर के लिए यात्रियों की मांग के स्टेटस की समीक्षा के बाद ये फैसला लिया गया है कि घरेलू हवाई यात्रा के लिए एयर फेयर बैंड को 31 अगस्त 2022 से खत्म करने का फैसला लिया गया है.
दरअसल मार्च 2020 में कोरोना महामारी के चलते जब लॉकडाउन लगाया गया तो उड़ान सेवा बंद हो गई थी. 25 मई, 2020 से जब घरेलू उड़ान की शुरुआत हुई तो केवल 33 फीसदी उड़ानों के साथ उड़ानों की सरकार ने इजाजत दी और हवाई किराये का लोअर और अपर लिमिट तय करने की शुरुआत हुई थी. जिसमें 40 मिनट के हवाई सफर के लिए एयरलाइंस 2900 रुपये से कम और 8800 रुपये से ज्यादा चार्ज नहीं कर सकती थीं. इसपर जीएसटी अलग से देना पड़ता था. लोअर बैंड एयरलाइंस को प्रोटेक्ट करने के लिए और अपर बैंड यात्रियों की सहूलियतों के लिए लागू किया गया था. लेकिन 27 महीने बाद सरकार ने इस सिस्टम को वापस ले लिया है.
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी फैसले पर कहा था कि घरेलू उड़ान के एयर फेयर पर तय सीमा को हटाने का फैसला हवाई ईंधन की कीमतों और उसी रोजाना मांग की समीक्षा के बाद लिया गया है. सेक्टर में स्ठायित्व आ चुका है और हमें उम्मीद है कि घरेलू एयर ट्रैफिक में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
आपको बता दें रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के बाद हवाई ईंधन के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी आ गई थी. जिससे एयरलाइंस कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ा था. जबकि टिकट का किराया तय करने का अधिकार भी उनके पास नहीं था. हालांकि हाल के दिनों में हवाई ईंधन के दामों में कमी आई है.