डॉलर की तुलना में रुपये का लुढ़कना जारी है। यह लगातार दूसरे दिन एक पैसे की गिरावट के साथ रिकॉर्ड निचले स्तर 83.10 पर बंद हुआ। इस गिरावट से जहां महंगाई बढ़ेगी, वहीं विदेशों में पढ़ाई भी महंगी होगी।
विश्लेषकों के मुताबिक, ग्राहकों को कुछ उत्पादों पर ज्यादा खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, क्योंकि रुपये की गिरावट से आयात महंगा हो जाएगा।
आयातित वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती लागत से रुपये में गिरावट से महंगाई पर दबाव पड़ता है। आयातित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से कंपनियों को ग्राहकों पर बढ़ोतरी का बोझ डालने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह एक साल में पहली बार हुआ है जब इतने लंबे समय तक डॉलर तेजी में रहा है।
विदेशी मुद्रा भंडार में आ सकती है गिरावट
विदेशी मुद्रा भंडार लगातार तीसरे हफ्ते गिरा है। रुपये की कमजोरी रोकने के लिए आरबीआई डॉलर को बाजार में छोड़ सकता है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार में और गिरावट आने की आशंका है। सोना 50 रुपये टूटकर 59,250 रुपये 10 ग्राम पर जबकि चांदी 700 रुपये महंगी होकर 73,500 रुपये प्रति किलो बंद हुई।
इन लोगो को होगा फ़ायदा
इस पूरे मामले में उन लोगों को जरूर फायदा होगा जो लोग विदेशों में सर्विस या प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करके फायदा कमाते हैं. मौजूदा समय में क्रिएटर्स इकोनॉमी काफी मायने रख रही है और भारतीय क्रिएटर फेसबुक और गूगल से अच्छा खासा पैसा कमाते हैं. आमतौर पर इन दोनों कंपनियों से पेमेंट हर महीने के तीसरे सप्ताह में आती है अतः इस वक्त पड़े हुए हैं डॉलर के रेट इन लोगों के लिए काफी लाभदायक होंगे.