अमेरिकी प्रतिबंधों की मार झेल रहे दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देश ईरान के हाल बेहद खराब चल रहे हैं। वहीं हाल ही में हिजाब विवाद के चलते विरोध प्रदर्शनों के बाद पश्चिमी देशों द्वारा लादे गए ताजा प्रतिबंधों से यहां की मुद्रा रियाल (Iran currency Rial) धूल में मिल गई है।
अनौपचारिक बाजार के ताजा आंकड़ों के अनुसार ईरान में 1 डॉलर की कीमत 41,400.00 रियाल पहुंच गई है। हालांकि विनिमय बाजार में अभी भी एक डॉलर की कीमत 40 हजार रियाल के आसपास है।
बता दें कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद से भारत सहित दुनिया के विभिन्न देशों ने ईरान से तेल गैस खरीदना बंद कर दिया है। जिसके चलते वहां की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है।
ईरान ने बताई यह वजह
मुद्रा के इस तरह ढहने को लेकर ईरान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर अली सालेहाबादी का एक बयान आया है।सालेहाबादी के अनुसार इस रिकॉर्ड गिरावट का एक कारण सरकार विरोधी प्रदर्शन भी हैं। अमेरिकी प्रतिबंधों और सरकार विरोधी प्रदर्शन की वजह से पिछले दो महीनों में ईरानी मुद्रा कमजोर हुई है। रियाल को मजबूत करने के लिए ईरानी सरकार काफी प्रयास कर रही है। इसके लिए मार्केट में डॉलर लाया जा रहा है।
डॉलर-सोना खरीदने की कोशिश कर रहे लोग
ईरानी की मुद्रा रियाल में आई रिकॉर्ड गिरावट के बाद वहां के लोग काफी परेशान हैं। अपनी संपत्ति को बचाए रखने के लिए लोग लगातार सोना या डॉलर खरीद रहे हैं। माना जा रहा है कि वहां की सरकार जल्द ही इन पर रोक लगा सकती है। लेकिन इससे पहले वहां कीमतों के बेतहाशा बढ़ने की भी संभावना बढ़ गई है।
देश में विरोध प्रदर्शनों से पड़ा बुरा असर
बता दें कि ईरान में हिजाब विवाद के कारण एक 22 वर्षीय कुर्द ईरानी महिला, महसा अमिनी की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इसके बाद राष्ट्रव्यापी विरोध के बाद से रियाल 13.8% टूट चुका है। मौजूदा अशांति 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ईरान में धार्मिक शासन के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
रूस से नजदीकी भी पड़ी भारी
यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से नजदीकी भी ईरान पर भारी पड़ती दिख रही है। बीते अक्टूबर में यूक्रेन युद्ध में रूस द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन कथित रूप से ईरान के बताए गए थे। हालांकि इसे तेहरान और मास्को ने नकार दिया था, लेकिन फिर भी ईरान को रूसी नजदीकी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।