इजरायल और हमास के बीच संघर्ष वार्ता का पहला दौर कतर में बिना किसी समझौते के समाप्त हो गया। कतर के दोहा में हुए संघर्ष वार्ता का उद्देश्य संघर्ष विरामों और बंधकों को रिहाई दिलाना था। लेकिन वार्ता बेनीताजा निकली। बताया जा रहा है कि इजरायल का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारियों को खुद फैसला लेने का अधिकार नहीं दिया गया जिसके कारण ये वार्ता विफल रही।
इजरायली प्रतिनिधिमंडल के पास फैसले लेने के अधिकार नहीं
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इजरायली प्रतिनिधिमंडल के पास निर्णय लेने के प्राप्त अधिकार नहीं थे। इन अधिकारियों को इजरायल की ओर से जारी की गई शर्तों का पालन करना था। इजरायली वार्ताकरों को स्पष्ट रुप से आदेश दिए गए थे कि उन्हें शर्तों के तहत समझौता करना होगा।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि सीजफायर के लिए दोहा जाने वाले इजरायली प्रतिनिधिमंडल को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इजरायल के द्वारा स्वीकार की गईं शर्तों के हिसाब से ही समझौता होगा।
अमेरिका के लिए रवाना हुए नेतन्याहू
बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के लिए रवाना हो चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद नेतन्याहू का ये तीसरा अमेरिका दौरा होने वाला है। इजरायली प्रधानमंत्री ट्रंप से मुलाकात करेंगे। आशंका जताई जा रही है कि नेतन्याहू सीजफायर वार्ता को आगे बढ़ाने में ट्रंप की मदद मांग सकते हैं।
नेतन्याहू का कहना है कि हमास ने जिन इजरायली नागरिकों को बंधक बनाया है उनको छुड़वाना ही इजरायल का सबसे प्रमुख उद्देश्य है।




