जेपी इंफ्राटेक की परियोजना में निर्माण कार्य में तेजी आने वाली है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेंट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के आदेश पर सुरक्षा समूह ने जेपी की परियोजनाओं का अधिग्रहण कर लिया है। इससे परियोजनाओं में फंसे करीब 20 हजार से अधिक खरीदारों को उनके फ्लैट मिल सकेंगे।
एनसीएलएटी के फैसले के बाद हुई बैठक
एनसीएलएटी के फैसले के बाद इस मामले में नियुक्त क्रियान्वयन और निगरानी समिति की एक बैठक मंगलवार को हुई थी।
125 करोड़ की पूंजी लगाएगा सुरक्षा समूह
सुरक्षा समूह 15 जून तक जेपी इंफ्राटेक में 125 करोड़ रुपये की पूंजी लगाएगा और जल्द ही निर्माण प्रक्रिया शुरू करेगी। समूह ने तीन सदस्यीय बोर्ड का गठन किया है। समिति अटकी पड़ी आवासीय परियोजना के निर्माण के लिए जल्द रकम जारी कर देगी।
डायरेक्टर की नियुक्ति
समिति ने कार्यकारी निदेशक के रूप में आलोक चंपक दवे और स्वतंत्र निदेशक के रूप में उषा अनिल कदम की नियुक्ति को भी मंजूरी दी। जेआईएल, घर खरीदारों और आईआरपी के अधिकारी शामिल हुए।
कर्ज में डूबी जेआईएल के लिए समाधान योजना
एनसीएलएटी ने 24 मई को कर्ज में डूबी जेआईएल के लिए सुरक्षा समूह की समाधान योजना को बरकरार रखा था और उसे चार साल के भीतर किसानों के मुआवजे के लिए यमुना प्राधिकरण को 1,334 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।
खरीदारों ने ली राहत की सांस
इस फैसले में कोर्ट ने हजारों खरीदारों और 10,000 किसानों सहित सभी हितधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए संशोधित समाधान योजना के त्वरित क्रियान्वयन पर भी जोर दिया। सुरक्षा के जल्द काम शुरू होने की उम्मीद से फ्लैट खरीदारों ने राहत की सांस ली है। खरीदारों का कहना है कि वे फ्लैट पाने के लिए 10- 12 वर्षों से इंतजार कर रहे हैं।