फिरोजाबाद में मेडिकल कॉलेज में बनें कंगारू मदर केयर (केएमसी) नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित हो रहे है। मेडिकल कॉलेज में जहां एसएनसीयू में सीटें फुल होने के कारण नवजात शिशुओं को जगह नहीं मिल पा रही है। वहीं, केएमसी में डॉक्टर मां के आंचल से लिपटकर 3500 से ज्यादा नवजात शिशुओं की जान बचा चुके हैं। डॉक्टर्स के अनुसार कम वजन या समय से पहले जन्में शिशुओं का तापमान तेजी से गिरता है। ऐसे नवजातों के लिए शरीर की गर्माहट बनाए रखने में केएमसी का तरीका कारागर साबित हुआ है। जिले में गर्भकाल में देखभाल न होने के कारण बहुत से नवजात शिशु समय से पहले ही जन्म ले रहे हैं। वहीं, अवैध अस्पताल भी इसका मेन कारण है। इस कारण से मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में मरीजों की संख्या दो से तीन गुनी बढ़ चुकी है। ऐसे में केएमसी वार्ड इन नवजातों की जान बचाने में वरदान साबित हो रहा है। देखभाल के इस तरीके में नवजात को मां के सीने से लगाकर गर्माहट दी जाती है, इससे शिशु तेजी से नार्मल की तुलना मे तेजी से विकास करता है।

3500 से ज्यादा शिशुओं की जान बची

एसएनसीयू के विभागध्यक्ष डॉ. एलके गुप्ता ने बताया कि लगातार स्तनपान व केएमसी देने से 85 फीसदी नवजात हेल्दी हो जाते हैं। इस आइडिया से तीन साल में 3500 से ज्यादा शिशुओं की जान बच चुकी है। कम वजन या समय से पहले जन्में शिशुओं में स्वयं को गरम बनाए रखने की शक्ति नहीं होती। ऐसे में तापमान नार्मल से कम होने पर नवजात को हाइपोथर्मिया हो सकता है, और वह बड़ी बीमार से ग्रस्त हो सकते हैं। इस प्रक्रिया को अपनाने से प्रसव के बाद प्लेसेंटा या आंवल जल्दी बाहर आने के साथ ही मां का दूध भी जल्दी उतरता है। केएमसी की नर्सें शिशुओं को मां के सीने से इस प्रकार लगाकर रखती हैं कि मां की त्वचा से शिशु की त्वचा से अच्छे से कनेक्ट हो सके। इसके हर बच्चे के लिए एक गाउन, एक थर्मामीटर, एक केएमसी रैप और एक बेबी कैप दिया जाता है।

कंगारू मदर केयर के बेनिफिट

-नवजात शिशु स्वयं को सेफ महसूस करता है।
-शिशु का वजन जल्दी बढ़ता है।
-बच्चा एकदम डरता या चौंकता नहीं है, क्योंकि वह अकेले नहीं रहता और साथ ही कम रोता है।
-मां व बच्चे के बीच मानसिक एवं भावनात्मक जुड़ाव जल्दी बढ़ता है।

कंगारू विधि के काम करने का तरीका

मां और नवजात के बीच स्किन-टू-स्किन संपर्क कंगारू केयर कहलाता है। इसमें मां अपने शिशु को अपने सीने से लगाकर रखती है। कंगारू केयर के हर एक सेशन में मां कुछ घंटों के लिए नवजात शिशु को अपने सीने से लगाकर रखती है। इसके लिए शिशु को डायपर के अलावा और कुछ नहीं पहनाया जाता है। गर्भ से ही शिशु अपनी मां की आवाज और दिल की धड़कन को पहचानने लगता है, इसलिए कंगारू केयर में बच्चा खुद को ज्यादा सेफ महसूस करेगा। इससे बच्चे को गहरी नींद आती है और वो देर तक सोता है। बच्चे का वजन बढ़ाने में भी यह काफी फायदेमंद है। कंगारू केयर मिलने वाले और बच्चों की तुलना मे कम रोते हैं। हाल ही में 20 बच्चों को इस तरीके से इलाज दिया जा रहा है।

 

Journalist from Noida. Covering Delhi, NCR and UP Updates.

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