माफ़ करना सबके बस की बात नहीं
माफ़ करना सबके बस की बात नहीं होती है। दूसरी तरफ यह भी देखने को मिलता है कि किसी को किसी गलती के लिए माफ करना मतलब उसे दूसरी गलती करने का मौका देना। यह दोनों ही बातें एक हद तक सही है क्योंकि कुछ लोग माफ़ी मिलने के बाद वापस सही राह पकड़ लेते हैं तो कुछ लोग माफी मिलने के बाद फिर से धोखा देने से बाज नहीं आते हैं।
बच्चे के हत्यारे को पिता ने फांसी की तुरंत पहले माफ़ कर बचा लिया
सऊदी में एक ऐसा मामला देखने को मिला जहां पर अपने बच्चे के हत्यारे को पिता ने फांसी की तुरंत पहले माफ़ कर बचा लिया। 4 साल पहले आरोपी ने पेंट के बेटे को जान से मार दिया था। पीड़ित Awwad Sulaiman ने कहा की लोगों को माफ करना इस्लाम की सीख है। अल्लाह यही चाहते आप लोगों की गलतियों के लिए क्षमा कर दें।