कुवैत के शिक्षा मंत्रालय ने एक चौंकाने वाले मामले की जानकारी दी है। मिली जानकारी के अनुसार एक प्रवासी शिक्षक को पिछले 19 वर्षों से पूरी सैलरी मिल रही है लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस दौरान शैक्षणिक क्षेत्र में उपस्थित ही नहीं थी। आंतरिक मंत्रालय के ऑडिट और फिंगरप्रिंट अटेंडेंस सिस्टम के द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है।
शिक्षिका लगभग दो दशकों से अपनी ड्यूटी पर अनुपस्थित थीं
जांच में यह पता चला है कि शिक्षिका लगभग दो दशकों से अपनी ड्यूटी पर गई ही नहीं थी लेकिन उन्होंने सैलरी पर की थी। आंतरिक मंत्रालय के ऑडिट और फिंगरप्रिंट अटेंडेंस सिस्टम ने इस बात की पुष्टि की है। आधिकारिक दस्तावेज़ों में भी यह पुष्टि कर दी गई है कि उन्होंने ड्यूटी छोड़ दिया है लेकिन इसके बाद भी उन्हें सैलरी मिलती रही।
शिक्षिका को 19 वर्षों की अवधि में कुल KD105,000 का वेतन मिला है। मंत्रालय का कहना है कि उनके अकाउंट में वह सैलरी वैसे ही पड़ी है। यह भ्रष्टाचार का मामला नहीं है बल्कि ऐसा किसी टेक्निकल गलती की वजह से हुआ है।