अब कुवैत में प्रवासियों को नौकरी पर नहीं रखने का फैसला किया गया है. कुवैत के प्रधानमंत्री के निगरानी में बैठे बैठक में यह फैसला लिया गया. अब अपने तेल क्षेत्र में किसी भी प्रकार की नौकरियों के लिए प्रवासियों को नहीं रखेगा. इससे कुवैत देश के अंदर प्रवासियों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी.
आदेश में कहा गया है कि प्रवासी कामगारों को कुवैत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और इससे संबंधित सारे छोटे से लेकर बड़ी कंपनियों और सहयोगी रिटेल में 2020 2021 के दौरान कोई भी प्रवासी नौकरी पर नहीं रखा जाना चाहिए. इस खबर की पुष्टि न्यूज़ एजेंसी ने की और तेल मंत्रालय संभाल रहे मंत्री के बयान को भी प्रमुखता से छापा.
कुवैत के प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह ही कहा था की “ कुवैत में प्रवासी कामगारों की संख्याजल्द से कम करने की जरूरत है और इसे 30% से ज्यादा किसी भी कीमत पर नहीं होने देना है. कोरोनावायरस महामारी और तेल क्षेत्र में उतार-चढ़ाव से खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है. कुवैत एक प्रवासी बहुल देश नहीं बन सकता.”
कुवैत में इस वक्त कुल आबादी 4800000 है, और प्रवासियों की संख्या कुवैत में 3400000 है जो कुवैत देश के लिए भविष्य के चैलेंज को और संतुलन को बनाए रखने वाले कठिनाई को साफ दिखा रहा है.
कुवैत में खासकर अप्रशिक्षित कामगारों के वजह से कोरोना वायरस तेजी से फैला है और इनकी संख्या ज्यादा होने से स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है अतः यह निर्णय तार्किक और समय की मांग है.
कुवैत के कानून निर्माता सदस्यों ने एक बिल पेश किया था जिसमें कहा था कि कुवैत में असंतुलन रोकने के लिए कोटा सिस्टम लगाना आवश्यक है. और उन्होंने जोर देकर कहा था कि भारतीय प्रवासियों की संख्या कुवैत के कुल आबादी के 15% से ज्यादा नहीं होना चाहिए वहीं इजिप्ट के प्रवासियों की संख्या 10% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इस वक्त कुवैत में भारत और के प्रवासियों की संख्या सबसे ज्यादा है और बड़ी है.GulfHindi.com