पूरी खबर एक नजर,
- कामगारों को नागरिकता के आधार पर कोटा देने की मांग
- कामगारों की संख्या में हो सकती है कमी
नागरिकता के आधार पर एक सुनिश्चित कोटा
कुछ MPs के द्वारा ऐसा कहा जा रहा है कि कुवैत में काम करने वाले कामगारों को नागरिकता के आधार पर एक सुनिश्चित कोटा दिया जाए। ऐसी स्थिति में उन कमागरों का नुकसान हो सकता है जो वास्तव में स्पॉन्सर के लिए काम ना करके खुद काम ढूंढ कर काम करते हैं।
हालांकि कामगारों ने इसका दूसरा भी पहलू बताया है जिसके मुताबिक अगर ऐसे कामगारों को काम से निकाल दिया जाता है तो कामगारों की संख्या में कमी आने के बाद लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कामगारों से अधिक परेशानी ग्राहकों को होगी
अगर कामगारों की संख्या में भारी कमी आ जाती है तो बाकी बचे कामगार अपने काम की कीमत दुगनी चौगुनी कर सकते हैं। डिमांड बढ़ने के कारण कंपनियां भी सेवा देने की कीमतों में बढ़ोतरी करेंगी जिसका खामियाजा आम निवासियों को भुगतना पड़ सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि इस फैसले से कामगारों से अधिक परेशानी ग्राहकों को होगी।