केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं के साथ सभी हवाई अड्डों और भूमि बंदरगाहों को एमपॉक्स के लक्षणों वाले यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। यह कदम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा एमपॉक्स को एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के बाद उठाया गया है।
अस्पतालों की तैयारी और महत्वपूर्ण उपाय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली के कुछ प्रमुख अस्पतालों जैसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, और लेडी हार्डिंग अस्पताल को एमपॉक्स के मामलों के प्रबंधन और इलाज के लिए केंद्र बिंदु के रूप में नामित किया है। राज्य सरकारों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में इसी तरह के विशेष अस्पतालों की पहचान करने के लिए कहा गया है।
वैश्विक और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
एमपॉक्स वायरस के इस नए और अधिक खतरनाक रूप के कारण दुनिया भर में बढ़ती चिंता के बीच भारत में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में 32 प्रयोगशालाओं को एमपॉक्स परीक्षण के लिए तैयार रखा है और निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने पर जोर दिया है।
राष्ट्रीय तैयारी और निगरानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने एक उच्च स्तरीय बैठक में भारत की एमपॉक्स के खिलाफ तैयारी की समीक्षा की। इस बैठक में निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने और एमपॉक्स के मामलों की जल्द पहचान सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
चल रहे उपाय और सिफारिशें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने निगरानी उपायों को बढ़ाने और एमपॉक्स की रोकथाम और उपचार के लिए प्रोटोकॉल को व्यापक रूप से प्रसारित करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच एमपॉक्स के लक्षणों के बारे में जागरूकता फैलाने और संभावित मामलों की समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए एक जागरूकता अभियान चलाने की सलाह दी गई है।