वर्षों से लंबित मुंगेर जिले के सफियाबाद हवाई अड्डे से उड़ान सेवा शुरू करने की दिशा में अब ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार की पहल पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की एक विशेषज्ञ टीम 22 से 27 मई के बीच मुंगेर का दौरा करेगी। टीम हवाई सेवा की व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करेगी, जिससे स्थानीय लोगों को हवाई सफर की सुविधा मिलने का रास्ता साफ हो सकता है।
योग, रेल और पर्यटन का केंद्र है मुंगेर
मुंगेर सिर्फ एक ऐतिहासिक जिला नहीं है, बल्कि योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। यहां के जमालपुर रेल कारखाना, सीताकुंड, चंडिका स्थान और आनंदमार्ग के संस्थापक आनंदमूर्ति प्रभात रंजन सरकार की जन्मस्थली जैसे स्थल मुंगेर को विशेष पहचान दिलाते हैं। साथ ही आईटीसी जैसी औद्योगिक इकाइयां भी यहां कार्यरत हैं।

19 सीटर विमानों की तैयारी, रनवे को लेकर योजना
राज्य सरकार ने सफियाबाद हवाई अड्डे पर 19 सीटर छोटे विमानों की उड़ान सेवा शुरू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। मौजूदा रनवे की लंबाई 800 मीटर है, जबकि बड़े विमानों के लिए कम से कम 1200 मीटर की जरूरत होती है। लेकिन छोटे विमानों के लिए यह रनवे उपयुक्त माना जा रहा है।
सरकार ने पहले ही लगभग 8 करोड़ रुपये खर्च कर रनवे और लाउंज का विकास किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन भी किया था, लेकिन तकनीकी कारणों और सुरक्षा कारणों से सेवा शुरू नहीं हो सकी थी।
फिलहाल चारागाह बना हवाई अड्डा, सुरक्षा पर फोकस जरूरी
वर्तमान में सफियाबाद एयरपोर्ट की हालत खराब है। यह एक चारागाह में तब्दील हो गया है, जहां स्थानीय लोग गाड़ी चलाना सीखते हैं, टहलते हैं और पशु चराते हैं। एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल टूटी हुई है और सुरक्षा पूरी तरह नाकाम है।
AAI की टीम के दौरे से पहले प्रशासन को निम्नलिखित कार्यों को प्राथमिकता देनी होगी:
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चारदीवारी की मरम्मत
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सुरक्षा गार्ड की तैनाती
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अतिक्रमण हटाना
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टर्मिनल की सफाई और मरम्मत
क्या कहते हैं जानकार?
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक मुंगेर से नियमित उड़ान सेवा शुरू की जाए, ताकि यहां के पर्यटन, उद्योग और चिकित्सा क्षेत्रों को बढ़ावा मिल सके। यह पहल न केवल स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देगी, बल्कि मुंगेर को एक नई पहचान भी देगी।




