भारत में त्योहारी सीजन को देखने के साथ ही खाद्य पदार्थों के दाम आम लोगों के जनजीवन को काफी प्रभावित करते हैं. सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाला भारतीय परिवार में आइटम तेल है. सरसों तेल हो या रिफाइंड अन्य तेल सब के मूल्यों पर भारतीय परिवारों की नजर हमेशा रहती हैं.
समझिए तेल का खेल.
अक्सर सोशल मीडिया या बड़े मीडिया पोर्टल के हेड लाइन में “गजब का सस्ता हुआ सरसों तेल” इत्यादि पढ़ते रहते होंगे और अंततः आपको ऊंट के मुंह में जीरा जैसी फिल्म आती होगी. कई वेबसाइट केबल शस्त्र सरसों तेल वाली हेड लाइन का हवाला देकर लोगों के आंखों से तेल चुरा ले जाते हैं और वेबसाइट क्लिक के नीचे उसकी पकौड़ी तलते हैं.
असल में सरसों का मूल्य और सरसों के तेल का भाव.
देश में सरसों के तेल इत्यादि के भाव दो ही स्थितियों में कम होते हैं.
पहली स्थिति.
अगर देश में सरसों की खेती बंपर हुई हो और निर्यात के बावजूद देश में स्टॉप भारी मात्रा में बचा हुआ हो तो वैसे स्थिति में सरसों तेल की कीमत कम की जाती है ताकि लोग इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकें.
दूसरी स्थिति.
जब महंगाई बढ़ रही हो तब लोगों में तेल खरीदने की या अन्य वस्तुएं खरीदने की कैपेसिटी कम हो जाती है जिसके वजह से बाजार में तेल उत्पादन से जुड़ी कंपनियां अपने आती हैं और हम लोगों के पास तक सरसों तेल इत्यादि पहुँचती हैं.
कितना सस्ता और क्या है सही MRP.
पूरे देश भर में अगर किसी अच्छे ब्रांड के सरसों तेल खरीदेंगे तो उसके मूल्य ₹180 प्रति लीटर के आसपास मिलेंगे. वहीं अगर आप बल्क में या थोक भाव में मंडियों से खरीदेंगे तो उसी सरसों तेल का मूल्य 130 ₹ से ₹140 प्रति लीटर के बीच में आता है. दिल्ली मंडी की बात करें तो यहां पर अभी सरसों तेल का भाव थोक भाव में 120 से ₹130 प्रति लीटर के बीच में उपलब्ध हैं हालांकि इसके लिए आपको बड़ी मात्रा में सरसों तेल की खरीदारी करनी होती है.
गांव में सरसों तेल का मूल्य.
अंततः अगर आप सर से शुद्ध सरसों तेल इत्यादि लेने के लिए गांवों का रुख करना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में अमूमन सामने सरसों के तेल निकाल कर देने वाले मशीन लगभग ₹150 प्रति लीटर से ₹170 प्रति लीटर काला और पीला सरसों के आधार पर दे रहे हैं.