वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी को बढ़ावा देने और राज्य सरकारों को पॉलिसी के जरिए मदद करने का भी बजट से ऐलान किया गया है। इससे दिल्ली के अंदर 50 लाख से अधिक वाहनों का बोझ कम करने में मदद मिलेगी, जिन वाहनों का परिवहन विभाग की समय अवधि पूरी होने के बाद डी रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण रद्द) हो चुका है।
पुराने वाहन पर प्रतिबंध
राजधानी में पंजीकरण रद्द होने और उनमें से स्क्रैप होने वाले वाहनों की संख्या का प्रतिशत काफी कम है। इसका अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि बीते वर्ष महज 10 हजार से भी कम वाहनों को स्क्रैप किया गया था। दिल्ली प्रदूषण के लिहाज से काफी संवेदनशील है। इसलिए सरकार ने 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के चलने पर रोक लगाई है।
53 लाख गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द
ऐसे में दिल्ली के अंदर बीते वर्ष दिसंबर तक 53 लाख वाहनों की पंजीकरण रद्द किया गया। इसमें सबसे अधिक 46 लाख वाहन पेट्रोल से चलने वाले थे और शेष डीजल वाले।
- परिवहन विभाग ने 20 हजार ऐसे वाहन स्वामियों को नोटिस जारी किया जो कहीं कॉलोनी, पार्किंग या अन्य जगहों पर खड़े थे।
- इसके साथ ही समय अवधि पूरी कर चुके 15 हजार वाहनों के चालान भी काटे गए।
- अब दिल्ली में आठ स्क्रैप एजेंसी काम कर रही हैं, लेकिन उसके बाद भी समयावधि पूरी कर चुके वाहनों की संख्या काफी अधिक है।
नए वाहन की खरीद पर करीब 25 फीसदी कर छूट दी जाएगी
सरकार ने एक अप्रैल 2022 से नई स्क्रैप पॉलिसी को शुरू किया था। इसमें प्रावधान किया गया था कि पुराने वाहन को स्क्रैप कराने पर नए वाहन की खरीद पर करीब 25 फीसदी कर छूट दी जाएगी। अब ट्रांसपोर्टर्स कहते हैं कि यह पॉलिसी कोई खास कारगर नहीं थी। क्योंकि उसमें सिर्फ कर छूट दी जाती है और पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने पर बेहद कम धनराशि मिलती है। उदाहरण के लिए पुरानी मारुति कार को स्क्रैप कराने पर 20 से 30 हजार रुपये ही मिलते हैं। अब कर छूट को जोड़ा जाए तो यह बामुश्किल 35 से 40 हजार रुपये बैठती है।