आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म में कुछ नए नियम जोड़े हैं। अब करदाताओं को अपने सभी बैंक खातों का विवरण देना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, प्रीफिल्ड डाटा का सत्यापन भी करना होगा। इसके लिए आईटीआर-1 (सहज) और आईटीआर-4 (सुगम) फॉर्म जारी किए गए हैं।
प्रीफिल्ड डाटा का सत्यापन
- आयकर विभाग के अनुसार, ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करते समय फॉर्म-1 और फॉर्म-4 पहले से भरी जानकारियों (प्रीफिल्ड डाटा) के साथ उपलब्ध होंगे।
- करदाताओं को इस प्रीफिल्ड डाटा को अपने दस्तावेजों से मिलान कर सत्यापित करना होगा।
आईटीआर-1 और 4 फॉर्म में बदलाव
- आईटीआर-1 (सहज) का उपयोग उन निवासी व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है।
- आईटीआर-4 (सुगम) का उपयोग व्यक्तिगत, हिंदु अविभाजित परिवार (HUF), और सीमित देनदारी भागीदारी (LLP) वाली कंपनियों द्वारा किया जा सकता है, जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है।
फॉर्म जल्दी उपलब्ध
- आयकर विभाग ने इस साल रिटर्न दाखिल करने की सुविधा जल्दी उपलब्ध कराई है, जिससे करदाता दिसंबर से ही अपने रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
- इस बार आईटीआर फॉर्म में नकद प्राप्तियों का विस्तृत ब्योरा देना होगा।
आईटीआर-1 उन निवासी व्यक्तियों द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है और आईटीआर-4 हिंदु अविभाजित परिवार, सीमित देनदारी भागीदारी (LLP) वाली कंपनियों द्वारा भरा जा सकता है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है। इस बार इन फॉर्म में अलग कॉलम जोड़ा गया है, जिसमें सालभर में प्राप्त नकद का विस्तृत ब्योरा देना होगा।
ये फॉर्म पहले की तुलना में जल्दी, दिसंबर में ही उपलब्ध कराए गए हैं ताकि करदाता जल्दी रिटर्न दाखिल कर सकें। करदाता इन फॉर्म को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीकों से भर सकते हैं।