शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। घटना के बाद रेलवे प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं, लेकिन अब तक इस हादसे का ज़िम्मेदार कौन है, इसका आधिकारिक बयान नहीं आया है। रेलवे ने मामले की जांच के लिए हाई-लेवल कमेटी का गठन किया है।
कैसे हुआ हादसा?
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार रात स्टेशन पर भीड़ अचानक बढ़ गई। प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 16 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ मच गई।
🚉 क्या कारण रहे?
- रेलवे ने हर घंटे 1,500 से ज्यादा जनरल टिकट जारी किए, जिससे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई।
- प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनों को रद्द किया गया, जिससे यात्रियों की संख्या और बढ़ गई। हालांकि रेलवे ने इस बात से इनकार किया और कहा कि उन्होंने चार स्पेशल ट्रेनें चलाई थीं।
- सीसीटीवी मॉनिटरिंग और खुफिया इनपुट फेल रहा। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की ओर से कोई भीड़ से जुड़ी चेतावनी नहीं दी गई।

रेलवे प्रशासन की लापरवाही?
🔹 सीसीटीवी मॉनिटरिंग के बावजूद भीड़ को कंट्रोल नहीं किया गया
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी की जाती है। DRM (डिविजनल रेलवे मैनेजर) अपने ऑफिस से लाइव प्लेटफॉर्म मॉनिटर करते हैं, फिर भी अधिकारियों को इतनी बड़ी भीड़ नहीं दिखी।
🔹 संवेदनशील स्टेशन, फिर भी इंटेलिजेंस इनपुट नहीं
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को संवेदनशील स्टेशन माना जाता है, इसलिए यहां सुरक्षा के लिए विशेष RPF कर्मी तैनात रहते हैं। इसके बावजूद भीड़ को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया।
एलजी वीके सक्सेना का बयान
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मुख्य सचिव व पुलिस कमिश्नर को स्थिति सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि वह स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
अब आगे क्या?
✅ रेलवे ने मामले की हाई-लेवल जांच शुरू कर दी है।
✅ दिल्ली पुलिस और रेलवे प्रशासन ने स्थिति को सामान्य करने के प्रयास तेज किए हैं।
✅ यात्रियों से शांत रहने और स्टेशन पर सतर्क रहने की अपील की गई है।
📌 रेलवे की ओर से इस हादसे से जुड़ी पूरी जानकारी अब तक नहीं दी गई है, जिससे यात्रियों और पीड़ित परिवारों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं




