देश की सड़कों पर चलने के लिए 1 अप्रैल से लागू हो रहे नए परिवहन नीति और नियम को मानना आवश्यक हो जाएगा. नया नियम सरकारी, प्राइवेट और सेना के गाड़ियों के लिए नोटिफाई किया जा चुका है. अगर आप अपनी गाड़ियों को लेकर निकल रहे हैं तो आपको नए नियम की जानकारी जरूर होनी चाहिए अथवा आपका गाड़ी ज़ब्त होगा और साथ ही साथ चालान भी किया जाएगा.
सरकारी वाहनों के लिए नए नियम.
किसी भी प्रकार का सरकारी वाहन हो चाहे वह केंद्र सरकार का हो, राज्य सरकार से ताल्लुक रखता हो, किसी भी निगम का वाहन हो अगर उसका रजिस्ट्रेशन 15 साल पूरा कर चुका है तो उन वाहनों को सरकारी वाहन अधिनियम के तहत अब कबाड़ घोषित करना होगा. कबाड़ घोषित किए गए वाहनों के जगह पर नए वाहन तैनात करने होंगे.
प्राइवेट वाहनों के लिए नए नियम.
अगर आप अपनी गाड़ी प्राइवेट रखते हैं तो आपको 20 साल के बाद दोबारा से फिटनेस टेस्ट गाड़ियों का देना होगा. और यह फिटनेस टेस्ट अनिवार्य है हालांकि दिल्ली एनसीआर जैसे शहरों में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के तरफ से जारी किए गए नए नियम लागू रहेंगे.
जहां अलग से नियम नहीं लागू किए गए हैं वहां पर 20 साल तक गाड़ियों को चलन के अंदर रखा जा सकेगा हालांकि फिटनेस और प्रदूषण सर्टिफिकेट गाड़ियों में रखना अनिवार्य होगा.
दिल्ली एनसीआर से गाड़ियां खरीद कर 10 साल उम्र पूरी कर चुके डीजल वाहन और 15 साल उम्र पूरी कर चुके पेट्रोल वाहन देशभर के अन्य शहरों में चलाए जा सकेंगे और उन्हें क्रमशाह 10 साल और 5 साल का अतिरिक्त समय मिलेगा.
Comercial गाड़ियों को यथावत 15 साल में फ़िटनेस टेस्ट देना होगा.
सेना के वाहन के लिए नए नियम.
नई कबाड़ नीति के तहत सेना के वाहनों को शामिल नहीं किया गया है और उन पर यह नियम लागू नहीं होंगे. सेना के अपने नियम नीति के अनुसार उनकी गाड़ियां यथावत चलती रहेंगी.