घरेलू शेयर बाजार बीते कुछ दिनों से अपने उच्च स्तर के आसपास बने हुए हैं। पिछले महीने वैश्विक इक्विटी रिसर्च हाउस गोल्डमैन सैश ने अनुमान जताया था कि निफ्टी 2023 के अंत तक 20,500 के स्तर पर पहुंच सकता है।
इसी प्रकार मार्गन स्टैनली ने वैश्विक स्तर पर कमोडिटी के मूल्य में कमी रहने पर सेंसेक्स के अगले वर्ष के अंत कर 80,000 के स्तर तक पहुंचने की बात कही थी। ऐसे में अगले वर्ष के अंत तक सेंसेक्स निफ्टी में निवेशकों के पास अच्छे रिटर्न की गुंजाइश है।
इक्विटी या शेयर बाजारों में सीधे निवेश करने वाले नए निवेशक भी इस तेजी का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितता को देखते हुए इक्विटी निवेश में जोखिम भी हो सकता है। इसको देखते हुए नए निवेशक निफ्टी 50 ईटीएफ के जरिये निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि इक्विटी में लंबी अवधि में महंगाई को पछाड़ने की संभावना रहती है। इस कारण लोग इसकी ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं। इसके अलावा इक्विटी में भविष्य की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने की क्षमता भी होती है।
फिर चाहे निवेश म्यूचुअल फंड के जरिये किया गया हो या सीधे शेयर में या फिर दोनों के मिले जुले माध्यम से। हालांकि इक्विटी में नए निवेशकों के लिए सीधे शेयरों के साथ शुरुआत करने में सही कंपनी पर निर्णय लेना कठिन होता है। सीधे शेयरों में निवेश के लिए कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाएं, मूल्यांकन, उद्योग की गतिशीलता बाजार की स्थितियां आदि समझने की जरूरत होती है। ईटीएफ में यह काम म्यूचुअल फंड हाउस करते हैं.
ईटीएफ की खासियत.
- ईटीएफ म्यूचुअल फंड हाउसों की ओर से पेश किए जाते हैं।
- यह एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है, जिसमें एक्सचेंजों पर स्टाक की तरह कारोबार किया जाता है।
- इसमें निवेश की शुरुआत कुछ सौ रुपये की कम राशि से की जा सकती है। ईटीएफ में हर महीने व्यवस्थित तरीके से भी निवेश किया जा सकता है। इससे बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी कर सकेंगे और औसत निवेश लागत में कमी आएगी।
- निफ्टी 50 ईटीएफ के जरिये बाजार पूंजीकरण के लिहाज से बड़ी भारतीय कंपनियों में निवेश किया जाता है।
- यह निवेशकों को शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधिकरण भी प्रदान करता है।
- प्रमुख सूचकांकों की तरह ईटीएफ की यूनिट्स को बाजार के समय के दौरान खरीदा और बेचा जा सकता है।
- कम जोखिम में वर्षों तक बाजार की गतिशीलता को समझने का मौका मिलता है।