IPRD BIHAR के द्वारा भेजे बयान के अनुसार
आज दिनांक 13.07.2023 को भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधान सभा मार्च का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। गाँधी मैदान से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी आगे बढ़ रहे थे। उन्हें जेपी गोलम्बर के पास प्रशासन द्वारा रोकने का प्रयास किया गया। परन्तु वे लोग नहीं माने और आगे बढ़ते गए। डाकबंगला चौराहा पर प्रशासन द्वारा नाकेबंदी कर रोकने का प्रयास किया गया परन्तु प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड तोड़ दिया गया। प्रदर्शन कर रहे व्यक्तियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा पानी का बौछार एवं आँसूगैस के गोले छोड़े गए। परन्तु प्रदर्शनकारी नहीं मान रहे थे और वे ज़बरदस्ती बैरिकेड तोड़ कर आगे बढ़ने लगे थे।
उनसे आगे नहीं जाने का बार बार आग्रह किया जा रहा था। क्योंकि डाकबंगला चौराहा से आगे प्रतिबंधित क्षेत्र है जहाँ विभिन्न राजनैतिक दलों के कार्यालय, माननीय उच्च न्यायालय, राजभवन, विधानसभा इत्यादि अवस्थित है।
अतः प्रदर्शनकारियों को प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग कर उन्हें तीतर बितर किया गया।
इस बीच सूचना मिली कि जहानाबाद के एक व्यक्ति की पी.एम.सी.एच. में मृत्यु हो गई है। उनके साथी श्री भरत प्रसाद चन्द्रवंशी, जो जहानाबाद के निजामुदीपुर के रहने वाले हैं, द्वारा बताया गया कि वे लोग कार्यक्रम स्थल पहुँचे भी नहीं थे कि पता चला वहाँ भगदड़ हो गई है और बहुत लोग उधर से वापस भाग रहे थे, इसी बीच श्री विजय सिंह बेहोश हो कर गिर गए। हमलोग उन्हें तुरंत तारा हॉस्पिटल ले गए। फिर वहाँ से उन्हें एम्बुलेंस द्वारा पीएमसीएच ले जाया गया जहाँ थोड़ी देर बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
श्री विजय सिंह के शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं पाया गया है।दण्डाधिकारी के समक्ष मृतक श्री विजय सिंह का अंत्यपरीक्षण (इन्क्वेस्ट) किया गया। जिलाधिकारी द्वारा मेडिकल बोर्ड गठित कर मृतक का पोस्टमार्टम कराने और संपूर्ण पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने का निदेश दिया गया है। इसके बाद ही मृत्यु का वास्तविक कारण की जानकारी मिल सकती है। सीसीटीवी फ़ुटेज से भी पूरे मामले की जाँच की जा रही है।
ज़िलाधिकारी पटना ने पूरे घटनाक्रम पर अपर ज़िला दंडाधिकारी विधि-व्यवस्था पटना और नगर पुलिस अधीक्षक, मध्य से 24 घंटे के अंदर संयुक्त जाँच प्रतिवेदन की माँग की है।
मृतक श्री विजय सिंह के साथी श्री भरत प्रसाद चन्द्रवंशी के बयान के आधार पर इलाक़े के सीसीटीवी की जाँच की गयी।
सीसीटीवी से यह पता चला है कि श्री विजय सिंह अपराह्न 13:22 बजे गांधी मैदान पटना के जेपी गोलम्बर से निबंधन कार्यालय, छज्जूबाग की तरफ जा रहे हैं, जो डाँकबंगला रोड से अलग है।13:27 बजे अपराह्न उसी रास्ते में दुर्गा अपार्टमेन्ट के सामने खाली रिक्शा दिखता है, इसी रिक्शा से वे 13:32 बजे अपराह्ण तारा हॉस्पीटल पहुँचते हैं। घटना स्थल दुर्गा अपार्टमेंट के निकट से तारा हॉस्पीटल जाने में रिक्शा से लगभग 05 मिनट का समय लगता है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि श्री विजय सिंह के साथ घटना 13:22 से 13:27 बजे के बीच छज्जूबाग क्षेत्र में ही हुई है। इस बीच वे डाकबंगला पहुँच भी नहीं सकते थे, जहाँ पर भीड़ को तीतर बितर करने के लिए (लगभग 13 बजे) हल्का बल प्रयोग हुआ था। छज्जूबाग क्षेत्र में कोई पुलिस बल नहीं था। यद्यपि छज्जूबाग में उक्त घटना स्थल सी.सी.टी.वी. कैमरा से आच्छादित नहीं पाया गया, परंतु उससे 50 मीटर पहले कैमरा में उनका आवागमन दिख रहा है।
अतः इससे यह स्पष्ट होता है की श्री विजय सिंह की मृत्यु पुलिस के लाठी चार्ज से नहीं हुई है। उनके शरीर पर कोई चोट का निशान भी नहीं पाया गया है।मृत्यु का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा।