भारत सरकार ने दस साल पुरानी डीजल कारों और पंद्रह साल पुरानी पेट्रोल कारों को सड़कों पर चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके चलते, कई लोग अब अपनी कारों को स्क्रैप करने के बजाय उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील कर रहे हैं।

सरकार की नई सोच

इस नए ट्रेंड को देखते हुए, सरकार अब पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बजाय उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने पर विचार कर रही है। इस कदम के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा सकती है।

रेट्रो फिटिंग के चुनौतियां और संभावनाएं

प्राइमस पार्टनर्स और यूरोपीय व्यापार और प्रौद्योगिकी केंद्र की रिपोर्ट बताती है कि पुराने वाहनों को रेट्रोफिटिंग से इलेक्ट्रिक में बदलने पर कई चुनौतियां आ सकती हैं। हालांकि, सहयोग और सार्वजनिक भागीदारी से इसे हल किया जा सकता है।

भारतीय बाजार में रेट्रो फिटिंग की संभावनाएं

वर्तमान अनुमान के अनुसार, 2023 तक वैश्विक स्तर पर रेट्रोफिट वाहन बाजार 65.94 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। 2032 तक इसके 125.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

रेट्रो फिटिंग की प्रक्रिया

रेट्रो फिटिंग से वाहन मालिक अपनी पुरानी कारों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदल सकते हैं। इसके लिए, पहले उन्हें अपनी कार का रजिस्ट्रेशन आरटीओ से रद्द करवाना होगा, फिर सरकार से मान्यता प्राप्त इलेक्ट्रिक किट निर्माता कंपनी से संपर्क करके वाहन को ईवी में बदलवाने के बाद फिर से पंजीकृत करवाना होगा।

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