भारत में कभी EV सेगमेंट में धूम मचाने वाली कंपनियां अब बंद होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। हीरो इलेक्ट्रिक, Okinawa, और Benling जैसी कंपनियां, जिन्होंने कभी EV क्रांति की अगुवाई की थी, आज बुरे दौर से गुजर रही हैं। इन कंपनियों के कई डीलर्स, जिन्होंने अपनी सारी पूंजी EV क्रांति का हिस्सा बनने के लिए लगा दी थी, अब बहुत मुश्किल स्थिति में हैं। हीरो इलेक्ट्रिक, जो कि देश की पहली EV कंपनी थी जिसने बड़े स्तर पर बाजार में अपनी पहचान बनाई थी, अब उसकी डीलरशिप्स बंद होने के कगार पर हैं, और इसके डीलर्स सड़क पर आने की कगार पर हैं।
हीरो और ओकिनावा की बिक्री में भारी गिरावट
हीरो इलेक्ट्रिक ने 2021-22 में 70,000 टू व्हीलर EVs बेची थीं, और उस समय कंपनी का मार्केट शेयर 27% था। लेकिन इस साल, कंपनी ने केवल 1,100 गाड़ियां ही बेची हैं। इसका मतलब है कि हीरो इलेक्ट्रिक का मार्केट शेयर 27% से घटकर सिर्फ 1% रह गया है।
इसी तरह, Okinawa ने 2021-22 में 48,000 टू व्हीलर बेचे थे, और उस समय इसका मार्केट शेयर 19% था। लेकिन इस साल अब तक सिर्फ 1,870 गाड़ियों की बिक्री हुई है, जिससे Okinawa का मार्केट शेयर भी 19% से घटकर मात्र 1% रह गया है।
FAME 2 की सब्सिडी के दुरुपयोग के आरोप
सरकार ने इन कंपनियों पर FAME 2 सब्सिडी के दुरुपयोग का आरोप लगाया है, और उन्हें सब्सिडी स्कीम से ब्लैकलिस्ट कर दिया है। आरोप है कि इन कंपनियों ने लोकलाइजेशन के नियमों का पालन नहीं किया और चीन जैसे देशों से पार्ट्स आयात कर गाड़ियां असेंबल कीं।
सरकार ने इन कंपनियों से लगभग 450 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग की है। EV स्टार्टअप Benling पहले ही बंद हो चुका है, और एक और EV कंपनी Lohia Auto ने अपना ध्यान टू व्हीलर से हटाकर थ्री व्हीलर पर केंद्रित कर दिया है।
EV सेक्टर में वैश्विक स्लोडाउन का असर
EV सेक्टर में स्लोडाउन का ट्रेंड सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। चीन सहित दुनिया के बड़े EV मार्केट्स में इससे जुड़े स्टार्टअप धीरे-धीरे बंद होते जा रहे हैं। भारत में EV सेगमेंट के डीलर्स जो Hero Electric से अपनी बकाया राशि की वापसी की मांग कर रहे हैं, वे भी इस स्लोडाउन की ओर इशारा कर रहे हैं।