ओमान के क्रिकेट खिलाड़ी लंबे समय तक ऑफिस डेस्क पर काम करने और देर रात तक सीमेंट के पिच पर क्रिकेट खेलने के बाद अब एशिया कप में अपनी टीम और देश का मान बढ़ाने के लिए उतर रहे हैं। टीम के कप्तान जतिंदर सिंह और ऑलराउंडर सुफ़यान महमूद न सिर्फ टीम की उम्मीदें, बल्कि ओमान में क्रिकेट की मेहनत और संघर्ष की कहानी भी लेकर मैदान में उतर रहे हैं।
शुरुआती संघर्ष
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जतिंदर ने बताया कि शुरू में उनकी प्राथमिक नौकरी पाना था, क्रिकेट केवल शौक था।
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शुरुआती दौर में ओमान में टर्फ ग्राउंड नहीं थे, सीमेंट पिच और बाद में 2008 में एस्ट्रो टर्फ का इस्तेमाल हुआ। 2011 में ही उन्हें सही टर्फ ग्राउंड मिला।
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इस कठिनाई की वजह से कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी क्रिकेट छोड़ गए, लेकिन जतिंदर और सुफ़यान जैसे खिलाड़ी बने रहे।
प्रदर्शन और उपलब्धियां
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जतिंदर: 36 ODIs में 1,704 रन, 4 शतक, T20I में 1,120 रन।
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सुफ़यान: 8 ODIs, 107 रन, 6 विकेट।
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2015 में ओमान ने T20I स्टेटस हासिल किया और 2016 में विश्व कप में डेब्यू किया, जहां उन्होंने आयरलैंड को हराया।
वर्तमान तैयारी और लक्ष्य
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2025 एशिया कप में ओमान को इंडिया, पाकिस्तान और UAE के साथ Group A में रखा गया है।
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जतिंदर ने कहा कि वे निर्भीक क्रिकेट खेलना चाहते हैं और शीर्ष टीमों के खिलाफ अपनी क्षमता का आंकलन करना चाहते हैं।
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इंडियन खिलाड़ियों में जतिंदर ने शुभमन गिल, सुर्यकुमार यादव, अभिषेक शर्मा, अर्शदीप सिंह और तिलक वर्मा का नाम लिया। सुफ़यान की प्रेरणा है हार्दिक पांड्या।
भविष्य की योजना
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डिप्टी हेड कोच सुलक्षण कुलकर्णी के नेतृत्व में स्कूलों में संरचित कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
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क्रिकेट को ओमान में लोकप्रिय बनाने के लिए युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि आने वाले वर्षों में देश में क्रिकेट मजबूत हो।




