भारत का रिपेट्रिएशन मिशन पांचवें चरण में पहुंच चुका है और इसकी शुरुआत भी हो चुकी है कई सारे भारतीय प्रवासी अपने सामानों को पैक कर उन देशों को अलविदा कहने की तैयारी कर रहे हैं जहां पर वह वर्षो से काम कर रहे थे.

 

 ओमान में हजारों की संख्या में भारतीय नागरिक अपनी सैलरी उठाकर अब सीधा रिपेट्रिएशन मिशन के तहत भारत वापस आ रहे हैं,  यह सारे भारतीय वह देश को अलविदा कह रहे हैं जहां पर उन लोगों ने अपने कई दशक गुजार दिए और उसे अपने मिट्टी के समान मानना शुरू कर दिया था.

कोरोनावायरस के वजह से लगातार नौकरियां छूटती जा रही हैं वर्षों से काम कर रहे कामगारों को टर्मिनेशन लेटर दिए जा रहे हैं और वजह बस आर्थिक नुकसान है. कई भारतीय नागरिकों ने बताया कि इस महीने की सैलरी हमें मिल तो गई है लेकिन इसके साथ ही वर्षों से काम करने को लेकर हौसला अफजाई करता हुआ एक पत्र भी मिला और उसके साथ एक और पत्र दिया गया जिसमें यह कहा गया था कि अब आपकी नौकरी खत्म की जा रही है क्योंकि हम अब और आगे भार इन स्थितियों में नहीं हो सकते हैं.

 

 कई भारतीय कामगारों की नौकरियां मई के महीने में ही चली गई थी और तब से वह अब तक फंसे हुए हैं बिना किसी वेतन के हैं और किसी न किसी तरीके से वह मांग कर या सीधा शब्दों में कहें तो जुगाड़ कर अपनी जिंदगी चला रहे हैं.

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 एक भारतीय कामगार जो भारत के केरल से ताल्लुक रखते हैं उन्होंने बताया की रिपेट्रिएशन फ्लाइट ना मिलने की वजह से उन्हें अपनी कार तक बेचकर ओमान में गुजर-बसर करना पड़ रहा है और वह यहां दो दशक से काम कर रहे  थे.  उन्होंने बताया कि उन्होंने घर के जरूरी सामान फर्नीचर खरीद रखे थे क्योंकि दो दशकों से उन्होंने OMAN को अपना घर समझ रखा है.

 अब तक ओमान से भारत में बेरोजगार होकर लौटे हुए कामगारों की संख्या 46000 हो चुकी है और इन सबके ऊपर भविष्य की बड़ी चिंता है और इस बात का काफी गम है कि एक सेट किया हुआ काम अब टूट गया है और भारत जहां नौकरी खुद में एक बड़ी समस्या है वहां पर अब  एक नए रेट मे  खुद को भारतीय बाजार में बेचना होगा.

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

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