ओमान में काम कर रहे प्रवासी कामगारों के अधिकारों के रक्षा के लिए लेबर लॉ
ओमान में भारतीय समेत कई देशों के लोग काम करने के लिए जाते हैं। वहां पर इन्हीं कामगारों के अधिकारों की रक्षा के लिए लेबर कानून बनाया गया है। लेबर कानून में कर्मचारियों के अधिकारियों की रक्षा के साथ-साथ नेताओं के अधिकारियों की भी रक्षा की जाती है।
कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें कामगारों को समय पर सैलरी नहीं दी जाती है जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। कामगारों को इस तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े इसका ख्याल लेबर लॉ के द्वारा रखा जाता है। साथ ही ऐसे कई कामगार भी होते हैं जो अपने नियोक्ता को धोखा देते हैं, लेबर लॉ में उनके खिलाफ भी सजा तय की गई है।
समय पर पैसा न मिलने की दिक्कत
लेबर कानून होने के बावजूद भी कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिन्हें कामगारों को समय पर सैलरी नहीं दी जाती है ऐसे में उनकी इस परेशानी के निवारण के लिए खुद श्रम मंत्रालय ने जानकारी दी है।
श्रम मंत्रालय ने सभी नियोक्ताओं से अपील की है कि वह कर्मचारियों को समय पर पेमेंट दें। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर किसी कर्मचारी से समय पर पेमेंट नहीं मिलता है तो वह अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। पे पीरियड के समाप्ति के बाद 7 दिनों के भीतर कामगार का पेमेंट करना अनिवार्य है, ऐसा नहीं करने पर नियम का उल्लंघन माना जायेगा और उचित कार्यवाही की जाएगी।