ओमान (Oman) में रह रहे हिंदुस्तानियों समेत अन्य राष्ट्रों के लोगों के लिए बुरी समाचार है। आने वाले वक्त में यहां विदेशी लोग देश की सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में जॉब का भाग नहीं बन सकेंगे।
इस विषय में ओमान के वित्त मंत्रालय ने बीते हफ्ते आदेश जारी किया है। इस आदेश में सरकारी क्षेत्र की नौकरियों में विदेशियों की स्थान ओमानी नागरिकों को लेने की प्रक्रिया प्रारम्भ करने को बोला गया है। कहने का मतलब है कि अब नौकरियों में विदेशियों की स्थान लोकल नागरिक लेंगे।
 

 
हालांकि जारी किया गया आदेश तत्काल असर से लागू नहीं होगा। सरकार को इस विषय में जमीनी स्तर पर कार्यवाई करने में कम से कम एक वर्ष का समय लग सकता है। WION को मिली जानकारी के मुताबिक, ओमान की सरकारी कंपनियां अगले वर्ष के बजट के दौरान यह प्रस्ताव देंगी कि वे किस तरह से विदेशियों का जगह लोकल नागरिकों से भरेंगी।
दरअसल, सरकार की ओमाइजेनेशन पॉलिसी करीब 30 वर्ष पुरानी है व जिसका उद्देश्य लोकल जनता को जॉब देना है। जबकि सरकार युवा आबादी को सॉन्स ऑफ सॉइल पॉलिसी के जरिए रोजगार प्रदान करती है।
ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि ओमानी सरकार के इस कदम से कितने हिंदुस्तानियों पर असर पड़ेगा? एक सूत्र के मुताबिक, ‘ज्यादातर भारतीय कर्मचारी ब्लू-कॉलर (किसी एक निश्चित इंडस्ट्री में कार्य करने वाले) श्रमिक हैं, जो निर्माण क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, जहां यह नियम लागू नहीं होगा। ‘
 

 
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ओमान में 7 लाख 70 हजार भारतीय हैं, जिनमें से 6 लाख 55 हजार मेहनतकश हैं। ओमान सरकार ने वर्ष 2019 के अंत में भारतीय मजूदरों का आंकड़ा 617,730 बताया था।
दूसरी ओर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संकट काल में ओमान भारतीय समुदाय का खास ख्याल रख रहा है। भारतीय दूत ओमान मुनु महावर ने पिछले हफ्ते WION से बात करते हुए कहा, ‘भारतीय समुदाय की जिस तरह से देखरेख की जा रही है, उसके लिए मैं ओमान सरकार का आभार प्रकट करना चाहता हूं। ओमान सरकार फ्री टेस्टिंग व ट्रीटमेंट के साथ लॉकडाउन में प्रतिबंद्धित इलाकों में खाना भी उपलब्ध करा रही है।

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