अगर आप UAE में रहने वाले NRI हैं और आपके पास भारत में बैंक खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट, डिविडेंड या शेयर हैं तो 1 अगस्त से लागू हो रहे नए बैंकिंग नियमों से आप सीधे प्रभावित हो सकते हैं।
क्या बदल रहा है?
1. बैंकों के लिए न्यूनतम पूंजी सीमा बढ़ी
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अब सभी भारतीय बैंकों को कम से कम ₹2 करोड़ की न्यूनतम पूंजी बनाए रखनी होगी (पहले ₹5 लाख थी)।
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यह बदलाव खासकर छोटे सहकारी बैंकों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों के NRI अक्सर खाते रखते हैं।
2. बिना क्लेम की गई राशि अब IEPF को जाएगी
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अगर आपके किसी भारतीय बैंक में 7 साल से पड़े बिना क्लेम किए गए डिविडेंड, FD या शेयर हैं, तो अब वो सीधे Investor Education and Protection Fund (IEPF) को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।
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आप इन फंड्स को बैंक से नहीं, बल्कि IEPF पोर्टल से अलग प्रक्रिया के तहत क्लेम कर पाएंगे।
3. ऑडिटिंग सिस्टम में पारदर्शिता
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अब सार्वजनिक बैंकों जैसे SBI आदि में ऑडिटर की नियुक्ति प्राइवेट कंपनियों की तरह होगी।
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इससे बैंकों में पारदर्शिता और निगरानी बेहतर होगी खासतौर पर उन बैंकों में जहां आप निवेश कर रहे हैं।
UAE-based NRI को क्यों ध्यान देना चाहिए?
अगर आपने भारत में कोई पुराना खाता, डिपॉजिट, डिविडेंड या शेयर सालों से नहीं छुआ है, तो वो IEPF में ट्रांसफर हो सकता है।
IEPF से पैसे निकालना संभव है, लेकिन प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली है।
NRE/NRO खातों या फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने वालों के लिए अब भारतीय बैंक पहले से ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद माने जाएंगे।
अब क्या करें?
अपने भारतीय बैंक खातों में लॉगिन करें और देखें:
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कोई पुराना या निष्क्रिय डिपॉजिट, डिविडेंड, शेयर तो नहीं है?
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बैंक की वेबसाइट पर “Unclaimed Deposits” सेक्शन चेक करें
बैंक से संपर्क करें और:
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अपना KYC, मोबाइल नंबर, ईमेल अपडेट कराएं
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फंड्स को IEPF में ट्रांसफर होने से पहले क्लेम करें
1 अगस्त 2025 से ये सभी बदलाव लागू होंगे।




