सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ़्ती और सीनियर स्कॉलर्स काउंसिल के प्रमुख शेख अब्दुलअज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद अल अल-शेख के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जाहिर किया है। मंगलवार को अल-शेख का निधन हो गया वो 82 साल के थे।
अल-शेख के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती शेख अब्दुलअज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद अल अल-शेख के दुखद निधन पर गहरी संवेदना। इस दुख की घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनायें सऊदी अरब वहां के लोगों के साथ है।”
कौन थे अब्दुलअजीज अल-शेख
अब्दुलअजीज अल-शेख सऊदी अरब के एक प्रमुख इस्लामी विद्वान और धार्मिक नेता थे। वो सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती (मुख्य फतवा जारी करने वाले) थे। आपको बता दें कि ये देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्था का प्रमुख पद है। वे अल अलशेख परिवार से संबंधित थे जो सऊदी अरब के धार्मिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले परिवारों में से एक है। उनका पूरा नाम अब्दुलअजीज बिन अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद बिन अब्दुल लतीफ अल अलशेख था।
7 साल की उम्र में हो गए थे अनाथ, 20 साल की उम्र में चली गई थी आंखों की रोशनी
7 साल की छोटी सी उम्र में अब्दुलअजीज अनाथ हो गए थे। दुर्भाग्यवश 20 साल की उम्र में उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने शीरिया में उच्च शिक्षा हासिल की और सऊदी यूनिवर्सिटीज के एकडेमी काउंसिल में अपनी जगह बनाई।
1999 में ग्रैंड मुफ्ती नियुक्त किए गए
साल 1999 में उन्हें ग्रैंड मुफ्ती के पद पर नियुक्त किया गया। इसके बाद वे सऊदी अरब के सर्वोच्च धार्मिक प्राधिकारी बन गए। उन्होंने फतवे जारी किए और देश की न्यायिक व्यवस्था को दिशा दी, जिससे दो दशकों से अधिक समय तक सऊदी समाज को आकार मिला।




