कोलकाता से आई खबरों के अनुसार, पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद महिलाएं गर्भवती हो रही हैं, जिससे राज्य की विभिन्न जेलों में वर्तमान में 196 बच्चे रह रहे हैं। इस गंभीर मुद्दे पर कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) ने महिला जेलों में पुरुष कर्मियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है।
हाईकोर्ट की पहल
कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले को और अधिक गंभीरता से लेते हुए आपराधिक खंडपीठ को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य और न्याय मित्र ने इस संबंध में सुझाव दिए थे।
आगे के कदम
अदालत ने निर्देश दिया कि इन मामलों पर प्रभावी निर्णय लेने हेतु, इसे आपराधिक रोस्टर निर्धारण वाली माननीय डिवीजन बेंच के समक्ष रखा जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने इस संबंध में उचित आदेश के लिए मामला उनके समक्ष रखने का निर्देश दिया।