रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अपने 8 अगस्त के एमपीसी बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं जिसे आम जनजीवन पर रोज प्रतिदिन में असर होगा.
आरबीआई ने पुराने होम और गोल्ड लोन पर अतिरिक्त कर्ज (टॉप-अप) देने की प्रवृत्ति पर सख्त रुख अपनाया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद कहा कि टॉप-अप कर्ज में नियामकीय आवश्यकताओं का पालन ठीक से नहीं किया जा रहा है। इससे ये संभावना बढ़ जाती है कि इस कर्ज का उपयोग गैर-उत्पादक क्षेत्रों में या सट्टेबाजी के लिए किया जा सकता है। उन्होंने एनबीएफसी और बैंकों को टॉप-अप प्रक्रियाओं की समीक्षा करने और सुधारात्मक कार्रवाई करने की सलाह दी है। इसके साथ ही, इन कर्जों के अंतिम उपयोग की निगरानी पर जोर दिया गया है।
आरबीआई ने देश की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। गवर्नर दास ने कहा कि कृषि गतिविधियों में सुधार से ग्रामीण उपभोग की संभावनाएं उज्ज्वल हो रही हैं, जबकि सेवा क्षेत्रों में उछाल से शहरी उपभोग को समर्थन मिलेगा।
इसके अलावा, आरबीआई ने डिजिटल ऐप्स के माध्यम से ऋण देने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी पर लगाम कसने की योजना बनाई है। इसके तहत एक सार्वजनिक रिपॉजिटरी बनाई जाएगी, जिससे इन ठग ऐप्स के दावों की जांच की जा सकेगी।
ऋण संस्थाओं के लिए भी नए निर्देश जारी किए गए हैं। अब बैंकों को अपने उधार लेने वाले ग्राहकों के ऋण की सूचना हर पंद्रह दिन या उससे भी कम अंतराल पर देनी होगी, जो कि पहले मासिक आधार पर दी जाती थी।
इसके साथ ही, आरबीआई ने यूपीआई के जरिए कर भुगतान की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है। गवर्नर दास ने कहा कि इस संबंध में आवश्यक निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।
इसके अलावा, यूपीआई में ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ सुविधा शुरू की जाएगी, जिसके तहत एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपने बैंक खाते से यूपीआई के जरिए भुगतान करने के लिए अधिकृत कर सकेगा, जिसमें प्राथमिक ग्राहक की मंजूरी अनिवार्य होगी।
इतना ही नहीं अब चेक से किया जाने वाला पेमेंट भी लोगों के लिए लगभग इंस्टेंट किया जाएगा, यह पेमेंट सुविधा आरटीजीएस और एनईएफटी के जैसे ही सुपरफास्ट होगी. हालांकि इसके साथ-साथ रिजर्व बैंक में यह भी कहा कि चेक से होने वाले पेमेंट के ऊपर जारी सुरक्षात्मक रवैया जारी रहेंगे.