भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर स्थित यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। रिजर्व बैंक के बयान में यह जानकारी दी गई है। आरबीआई का कहना है कि इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं।
आरबीआई का कड़ा कदम
यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को ‘बैंकिंग’ का व्यवसाय करने से प्रतिबंधित किया गया है। यह कार्रवाई बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 का अनुपालन नहीं करने की वजह से की गई है। बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की कुछ धाराओं का पालन करने में विफल रहा है।
आयुक्त को नियुक्त करने का निर्देश
आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के सहकारी समितियों के आयुक्त और रजिस्ट्रार को बैंक को बंद करने का आदेश जारी करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने के लिए कहा है।
ग्राहकों की जमा राशि की सुरक्षा
प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से ₹5,00,000 (पांच लाख रुपये) की मौद्रिक सीमा तक अपनी डिपॉजिट पर बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार 99.98% जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी
मुख्य बिंदु | विवरण |
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बैंक का नाम | यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड |
स्थान | बिजनौर, उत्तर प्रदेश |
लाइसेंस रद्द | रिजर्व बैंक ने लाइसेंस रद्द किया |
कारण | पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं |
धाराएं जो उल्लंघन की गईं | धारा 56, धारा 11(1), धारा 22(3)(डी) – बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 |
ग्राहकों की सुरक्षा | डीआईसीजीसी द्वारा ₹5,00,000 तक की जमा राशि सुरक्षित |