देश की आठ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) अब कारोबार नहीं करेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने चार एनबीएफसी के पंजीकरण प्रमाण पत्र रद्द कर दिए हैं। वहीं, अन्य एनबीएफसी ने अपने प्रमाणपत्र सरेंडर कर दिए हैं।
ऐसे में यह तय हो गया है कि अब आठ एनबीएफसी देश में अपना कारोबार नहीं कर सकेंगी।
इन चार कंपनियों ने अपने सर्टिफिकेट किए सरेंडर
भारतीय रिजर्व बैंक को जिन चार एनबीएफसी ने अपना प्रमाणपत्र सरेंडर कर दिया है उनमें अश्विनी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, आरएम सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, एमिटी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड और मैट्रिक्स मर्चेंडाइज लिमिटेड जैसे एनबीएफसी शामिल हैं।
इन चार कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया
उपरोक्त कंपनियों के अलावे आरबीआई ने चार कंपनियों का प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है। जिन कंपनियों का लाइसेंस रद्द किया गया है कि उनमें एसआरएम प्रॉपर्अीज एंड फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, नॉर्थ ईस्ट रीजन फिनसर्विसेज लिमिटेड और ओपल फाइनेंस लिमिटेड शामिल हैं।
अब क्या होगा?
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि उपरोक्त गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत किसी भी तरह का कोई कारोबार नहीं करेंगी। इनका एनबीएफसी लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि देश में ऐसे प्लेटफॉर्म जो अवैध रूप से संचालित किए किए जा रहे हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है। आरबीआई उन खातों की भी निगरानी करेगा जिनका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा सकता है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का लाइसेंस भी रद्द
भारती रिजर्व बैंक की ओर से यह भी जनकारी दी गई है कि शेयर बाजार की नियामक संस्था सेबी (SEBI) ने बीते छह अक्तूबर, 2022 को क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क रेटिंग्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का पंजीकरण प्रमाणपत्र (COR) भी रद्द कर दिया है। रेटिंग एजेंसी को छह महीने में अपना परिचालन बंद करने का निर्देश दिया गया है साथ ही वह नया ग्राहक भी नहीं बना सकता है ना ही नया आवेदन ले सकता है।
पैसा का क्या होगा
क्रेडिट इन्शुरन्स स्कीम के तहत केवल 5 लाख तक खाताधारकों को वापस मिलेगा. कब मिलेगा इसका अभी कोई समय तय नही किया गया हैं.