देश में डेबिट और क्रेडिट कार्ड का चालान इस स्तर पर है कि बैंक में खाता खुलवाने के साथ ही लोगों को कोई ना कोई डेबिट कार्ड जरूर मिल जाता है। इतना ही नहीं बैंक में एक लंबे अंतराल तक खाते रखने के बाद या अच्छे ग्राहकों को तुरंत क्रेडिट कार्ड भी मुहैया करा दिया जाता है।
कई बार ग्राहक इस बात से काफी संकुचित हो जाते हैं कि वीजा की जगह उन्हें मास्टर कार्ड मिला होता तो शायद ज्यादा बचत होती या फिर मास्टर कार्ड की जगह वीजा कार्ड मिल जाता तो शायद ऑनलाइन शॉपिंग में ज्यादा छूट मिलती। लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मार्गदर्शन में यह चुनाव जब चाहे तब ग्राहक खुद कर सकेंगे।
ग्राहक जल्द ही अपनी पसंद के मुताबिक डेबिट या क्रेडिट कार्ड के भुगतान नेटवर्क का चुनाव कर सकेंगे। यानी वह तय कर पाएंगे कि उन्हें रुपे कार्ड लेना है या फिर वीजा अथवा मास्टर कार्ड | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह प्रस्ताव किया है कि कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर-बैंकिंग इकाइयों को अपने ग्राहकों को कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प देना चाहिए। मौजूदा व्यवस्था में ये कार्ड अधिकृत भुगतान नेटवर्क व्यवस्था के तहत जारी किए जाते हैं। इनमें रुपे, वीजा अथवा मास्टर कार्ड शामिल हैं। ग्राहक के पास खुद से किसी कार्ड को चुनने का विकल्प नहीं होता।
किसी भी समय बदलाव कर पाएंगे आरबीआई के परिपत्र मसौदे के अनुसार कार्ड जारी करने वाले अपने पात्र ग्राहकों को विभिन्न कार्ड नेटवर्कों में से किसी एक को चुनने का विकल्प प्रदान करेंगे। इसका उपयोग ग्राहक या तो जारी होने के समय या उसके बाद किसी भी समय कर सकते हैं। इसके अलावा, कार्ड जारी करने वाले को एक ही कार्ड नेटवर्क पर निर्भर नहीं होना है। उन्हें एक से अधिक कार्ड नेटवर्क आधारित कार्ड जारी करने होंगे।
उपलब्ध नेटवर्क
भारत में अधिकृत कार्ड नेटवर्क में
- अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प,
- डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल,
- मास्टर कार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड,
- नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया-रुपे और
- वीजा वर्ल्डवाइड लिमिटेड हैं।
आरबीआई ने चार अगस्त तक टिप्पणियां मांगी हैं।
कई सुविधाएं मिलेंगी
नए नियम से ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के कार्ड नेटवर्क के बीच सुविधाजनक ब्याज दरें, अधिक रिवॉर्ड्स प्वाइंट और अन्य लाभ प्राप्त करने का मौका मिलेगा। ग्राहक अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार सबसे उपयुक्त कार्ड नेटवर्क का चुनाव कर सकते हैं।