भारत में बढ़ती महंगाई को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा दोबारा से रेपो रेट बढ़ाए जा सकते हैं. हालांकि रेपो रेट पढ़ाई जाने के साथ ही इसका बुरा प्रभाव मार्केट पर पड़ेगा और विशेषज्ञों ने फिर से रेपो रेट बढ़ाए जाने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले दूरगामी परिणामों की चिंता जता रहे हैं. जानिए आपके लिए क्या बदलने वाला है अगले RBI MPC Meeting में.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर महंगाई का दबाव.
खुदरा महंगाई दर भारत में फिर से बड़ा है और नए आंकड़े 6.52% हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा अनुमानित महंगाई दर से यह अभी ज्यादा है. इसका सीधा असर लोगों के आम जनजीवन के दिन प्रतिदिन के खर्चे पर पड़ रहा है.
रोजमर्रा की चीजें इतनी महंगी है कि उससे पैसे कम बच रहे हैं और फल स्वरूप देश में अन्य जगहों पर पैसे का सरकुलेशन कम हो रहा है. कुल मिलाकर देखे तो बढ़ती महंगाई के वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था दबाव में आ रही है.
फिर पड़ेगा रेपो रेट.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया महंगाई दर को कम करने के लिए दोबारा से रेपो रेट बढ़ाने की घोषणा कर सकती हैं ताकि भारतीय महंगाई दर कंट्रोल में आ सके.
आम लोगों पर पड़ेगा असर.
- अगर रेपो रेट पड़ता है तो कुछ इस प्रकार का असर आम लोगों के ऊपर में आसानी से देखा जा सकता है जिससे आपकी जिंदगी रोज-रोज गुजरेगी.
- फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी आपको बैंक में जमा पूंजी के लिए ज्यादा पैसे रिटर्न्ड के तौर पर मुहैया कराए जाएंगे.
- लोगों के लोगों और मासिक किस्त महंगी होंगे.
- महंगे लोन के वजह से ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट सेक्टर खस्ताहाल हो सकता है.
अगर रेपो रेट बढ़ता है तो इसका सीधा सा भारतीय मार्केट पर भी पड़ेगा और मार्केट और टूट सकता है. निवेशक बाजार से निकल सकते हैं जिसके कारण लोगों के लाखों करोड़ों रुपए शेयर बाजार में और डूब सकते हैं.
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