जो कभी उभरते क्रिकेटरों के लिए सपनों का मौका था, वह अब दुबई में लगभग 35 परिवारों के लिए मायूसी की वजह बन गया है। ग्रासपोर्ट स्पोर्ट्स एकेडमी (GSA), जिसे सितंबर 2024 में ‘CricKingdom by Rohit Sharma’ ब्रांड के तहत लॉन्च किया गया था। इस एकेडमी को मई 2025 में अचानक कामकाज बंद कर दिया। नतीजतन, अभिभावक रिफंड की मांग कर रहे हैं और कोचिंग स्टाफ व दफ्तर के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है।
इस एकेडमी को सुखास पुदोटा ने दुबई के चार स्कूलों में शुरू किया था। इसके प्रचार में रोहित शर्मा के नाम और CricKingdom की अंतरराष्ट्रीय पहचान का भरपूर उपयोग किया गया। विश्वस्तरीय ट्रेनिंग का वादा कर कई अभिभावकों को आकर्षित किया गया।
एकेडमी स्टूडेंट्स के पिता जिथिल ने कहा, हमने रोहित शर्मा के नाम से जुड़ी अकादमी से काफी उम्मीदें रखकर जुड़ाव किया था। वहीं दुबई के पुराने निवासी प्रताप ने कहा, पूरा प्रचार रोहित शर्मा के इर्द-गिर्द ही घूमता था — उनके पोस्टर हर जगह थे, चाहे ट्रायल हो या प्रमोशन। हमें लगा कि इतना बड़ा नाम क्वालिटी की गारंटी देगा।
2025 में शुरू हुई गड़बड़ियां, तीसरे टर्म तक हालात बिगड़े
2025 की शुरुआत से ही परेशानियों के संकेत दिखने लगे थे, जो अप्रैल से जून के टर्म 3 में और गंभीर हो गए। कई अभिभावकों ने पूरे वर्ष की फीस पहले ही चुका दी थी, फिर भी कक्षाएं अनियमित होती गईं। मई के मध्य तक अकादमी ने पूरी तरह से संचालन बंद कर दिया। जिथिल ने बताया कि “28 मई को हमें व्हाट्सएप पर सूचित किया गया कि ग्रासपोर्ट अब अकादमी नहीं चलाएगा,”
“यह संदेश सुषील शर्मा, जो CricKingdom के ग्लोबल ऑपरेशंस हेड हैं, की ओर से आया था। हमें बताया गया कि बचे हुए सेशनों के लिए रिफंड की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।”
वादे बहुत, भुगतान नहीं
तब से लेकर अब तक, सुखास पुदोटा ने बार-बार भुगतान का आश्वासन दिया, लेकिन अभिभावकों के अनुसार कोई भुगतान नहीं हुआ। खलीज टाइम्स द्वारा देखे गए चैट मैसेजों में यह वादे दर्ज हैं, लेकिन वास्तविक कार्रवाई नहीं दिखी।
कोचिंग स्टाफ पर टूटा आर्थिक संकट
कोचिंग स्टाफ भी इस बंदी से बुरी तरह प्रभावित हुआ। सहायक कोच तिरन संदुन विजेसूरिया ने बताया कि पहली बार वेतन में देरी दिसंबर 2024 में हुई, और मई 2025 तक सभी कोचों ने काम करना बंद कर दिया। मेरे पास किराया देने के पैसे नहीं हैं। मकान मालिक ने कमरा खाली करने को कहा है। अब मेरे पास कोई जगह नहीं बची है मैंने मई से वेतन नहीं पाया है। मैंने बार-बार गुहार लगाई, लेकिन हर बार सिर्फ खोखले वादे मिले।





