रिलायंस पावर से प्रतिबंध हटा नई दिल्ली में महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेकी) ने हाल ही में रिलायंस पावर पर से प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद, अनिल अंबानी की अगुवाई वाली यह कंपनी अब सेकी की आगामी निविदाओं में भाग लेने के योग्य होगी।
यह स्थिति तब उत्पन्न हुई थी जब सेकी ने रिलायंस पावर लिमिटेड और रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड पर ‘फर्जी दस्तावेज’ के कथित उपयोग के आधार पर तीन साल के लिए अपनी निविदाओं में भाग लेने से रोक दिया था। यह प्रतिबंध 6 नवंबर को जारी किया गया था और इसने कंपनी को सेकी के बड़े प्रोजेक्ट्स से दूर कर दिया था, जिससे उनके व्यापारिक संभावनाएं प्रभावित हुई थीं।
अब जबकि प्रतिबंध हटा लिया गया है, रिलायंस पावर के लिए यह एक सकारात्मक मोड़ है। कंपनी के लिए यह एक अवसर है कि वह सेकी की निविदाओं में भाग लेकर अपने व्यापार को फिर से गति दे सके और नवीनीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत कर सके।
इस घटनाक्रम से जहां एक ओर रिलायंस पावर के कर्मचारियों और शेयरधारकों में उत्साह है, वहीं दूसरी ओर बाजार में इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सकारात्मक है, जबकि कुछ इसे कंपनियों के लिए नियमों का पालन करने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण भी मान रहे हैं।
देखना यह है कि इस बदलाव का नवीनीकरणीय ऊर्जा बाजार पर क्या असर होता है और कैसे रिलायंस पावर आने वाले समय में अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ाती है। शेयर की बात करे तो कंपनी के शेयर पिछले 6 महीने में 60 प्रतिशत का रिटर्न दे चुके हैं और 40 रुपये के इर्द गिर्द ट्रेड कर रहे हैं.