भारत में एक नेता के द्वारा पैगंबर मोहम्मद के ऊपर किए गए टिप्पणी ने सऊदी अरब में तूल पकड़ लिया है और इसके फलस्वरूप कई जगहों पर भारतीय हिंदू कामगारों के ऊपर नौकरी छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है.
https://twitter.com/A1vNq/status/1533053948470382592?s=20&t=SfUZLnv8SUmFfM45cFjTKA
टि्वटर और सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार भारतीय हिंदुओं को नौकरी से निकालने की क्रिया और प्रतिक्रिया तेज हो रही है. कई अरब नागरिक जिनके यहां भारतीय हिंदू प्रवासी कामगारों के तौर पर कार्य कर रहे हैं उन्होंने उन्हें नौकरी छोड़ने इत्यादि को कहा है और सार्वजनिक रूप से ट्वीट भी किया है.
https://twitter.com/sajournal1/status/1533260150399635456?s=20&t=SfUZLnv8SUmFfM45cFjTKA
क्या है स्कोप?
सर्वप्रथम यह समझना जरूरी है कि यह एक नैतिक और लीगल तरीका नहीं है जिसके जरिए कामगारों को इस आधार पर कार्य से निकाल दिया जाए कि वह एक धर्म या संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं.
नौकरियां देने के साथ ही सऊदी नागरिक हो या फिर अरब की कोई भी कंपनी वह कॉन्ट्रैक्ट में बंधी हुई रहती हैं जो लेबर डिपार्टमेंट के द्वारा संचालित होती है. जिसमें नौकरियां देने और साथ ही साथ नौकरियां छोड़ने के लिए नियम कानून है.
जिम्मेदार होना होगा भारतीय नेताओं को.
आए दिन बेतुके बयान और मर्यादा की बाउंड्री को तोड़ते हुए संदेश अक्सर भारतीय नेताओं के भाषणों में देखना आम सा हो गया है. अरब देशों में भारी संख्या में भारतीय प्रवासी अपनी रोजी-रोटी कमाने आते हैं. भारत में बढ़ते बेरोजगार अरब देशों में अपने रोजगार परक जिंदगी शुरू करने के लिए रुख करते हैं.