सऊदी अरब की मस्जिद मस्जिद-ए-नबवी (Prophet’s Mosque) के धार्मिक मामलों के प्रेसीडेंसी ने हज के बाद आने वाले श्रद्धालुओं के लिए डिजिटल और ग्राउंड-लेवल मार्गदर्शन सेवाओं का एक नया सेट पेश किया है. इस पहल का उद्देश्य यात्रियों के धार्मिक अनुभव को और सहज, सटीक और बहुभाषीय बनाना है.
प्रमुख सुविधाएं:
-
इंटरएक्टिव गाइडेंस स्क्रीन:
-
मस्जिद के विभिन्न हिस्सों में इंटरएक्टिव स्क्रीन लगाई गई हैं.
-
ये स्क्रीन QR कोड के माध्यम से स्मार्टफोन पर धार्मिक सामग्री डाउनलोड करने की सुविधा देती हैं.
-
-
23 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में सामग्री:
-
सामग्री में प्रार्थना, इस्लामी शिक्षाएं, मस्जिद का नक्शा, और धार्मिक दिशानिर्देश शामिल हैं.
-
उपलब्ध भाषाओं में हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी, बांग्ला, मलय, तुर्की, फारसी, फ्रेंच, रूसी और अन्य शामिल हैं.
-
-
फील्ड अवेयरनेस टीमों की भागीदारी:
-
यह परियोजना दावा और मार्गदर्शन एजेंसी के फील्ड अवेयरनेस प्रशासन द्वारा चलाई जा रही है.
-
ग्राउंड स्टाफ भी विभिन्न भाषाओं में सहायक जानकारी देने के लिए प्रशिक्षित हैं.
-
प्रेसिडेंसी ने कहा कि यह नई पहल दावा (इस्लामिक शिक्षाओं का प्रचार) और मार्गदर्शन सेवाओं को प्रदान करने के तरीके में एक बड़ा बदलाव है. मस्जिद-ए-नबवी अब धार्मिक सेवाओं को स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने वाला एक मॉडल बन गया है.
मस्जिद-ए-नबवी और मस्जिद-अल-हरम के मामलों की देखभाल करने वाली जनरल अथॉरिटी ने बताया कि यह पूरी पहल एजेंसी की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है:
-
धार्मिक मार्गदर्शन सेवाओं को स्मार्ट तकनीक से जोड़ना
-
बहुभाषीय प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए अधिक ज़ायरीनों तक पहुंचना
-
अनुभव को अधिक व्यक्तिगत, सुगम और आधुनिक बना
सुव्यवस्थित संचालन और श्रद्धालुओं की सुविधा:
सुरक्षा, स्वास्थ्य और वॉलंटियर एजेंसियों के सहयोग से ज़ायरीनों की सुविधा के लिए व्यवस्थित संचालन योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य है:
-
मस्जिद में आवाजाही को सुगम बनाना
-
भीड़-प्रबंधन को बेहतर बनाना
-
श्रद्धालुओं को अधिकतम आराम और सुरक्षा देना
क्या है व्यवस्था?
-
भीड़ प्रबंधन टीमें (Crowd Management Teams) सक्रिय रूप से काम कर रही हैं ताकि
-
अल-रौज़ा अल-शरीफ़ा तक श्रद्धालु सुगमता से पहुंच सकें,
-
उन्हें नबी-ए-करीम हज़रत मोहम्मद (ﷺ) और उनके दो साथियों (हज़रत अबू बक्र और हज़रत उमर रज़ि.) को सलाम पेश करने का अवसर मिल सके.
-
आध्यात्मिक वातावरण का विशेष ध्यान:
-
इस पूरी प्रक्रिया को एक शांति और सुकून भरे माहौल में संचालित किया जा रहा है,
ताकि श्रद्धालु को ध्यान, श्रद्धा और आध्यात्मिक संतोष के साथ ज़ियारत का अनुभव हो




