दिन प्रतिदिन के कामों में आपके भी घर रेस्टोरेंट का खाना या आपने रेस्टोरेंट में बैठकर खाना जरूर खाया होगा लेकिन आपने गौर किया होगा कि रेस्टोरेंट में MRP के साथ साथ उस पर सर्विस चार्ज भी लगाकर आपके बिलिंग में पेमेंट लिया जाता है. ऐतिहासिक फैसले में अदालत ने इसे अवैध घोषित कर दिया है.
नई दिल्ली के उच्च न्यायालय ने बिना पूछे रेस्टोरेंट और होटल के तरफ से बिल पर लगाया जाने वाला सर्विस चार्ज को अवैध करार दिया है. इस मामले में सरकार ने न्यायालय को बताया है कि कानून के अंतर्गत उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए होटल या रेस्टोरेंट में सेवा शुल्क लेना गैरकानूनी है.
वही रेस्टोरेंट और होटलों के संगठन के तरफ से याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी कि वह इस नियम को रद्द करें क्योंकि इससे रेस्टोरेंट और होटल संचालकों के हितों की हानि होगी.
इस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने याचिका को 12 अप्रैल तक स्थगित कर दिया है इस मामले में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के तरफ से 4 जुलाई 2022 के आदेश को चुनौती दी गई है जिसके तहत होटल और रेस्टोरेंट को सेवा शुल्क लेने पर रोक लगा दी गई थी लेकिन उच्च न्यायालय ने बाद में संगठन के फैसले पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया था.
जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने बुधवार को केंद्र सरकार की उस मांग को ठुकरा दिया, जिसमें न्यायालय से सीसीपीए के फैसले पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश को वापस लेने की मांग की गई है। सरकार ने न्यायालय को बताया कि कानून के तहत उपभोक्ताओं के हित में होटलों / रेस्तरां को सेवाशुल्क लेने पर रोक लगाई थी। जस्टिस सिंह ने कहा कि पक्षकारों को सुने बगैर अंतरिम आदेश में बदलाव नहीं किया जा सकता।