Income Tax के नए Slab जारी किए जा चुके हैं और टैक्स भरने का समय भी बखूबी आ चुका है अब ऐसे समय में नए टैक्स सिस्टम या पुराने टैक्स प्रणाली को इस्तेमाल किया जाए इसमें असमंजस सैलरी क्लास के लोग वाले हैं. अगर आपकी सैलरी 10 लाख रुपए तक है तब भी आप बिना टैक्स दिए हुए अपना इनकम टैक्स फाइल कर सकते हैं.
पुराने टैक्स प्रणाली के तहत भरा जाने वाला इनकम टैक्स.
अगर आपकी सैलरी 10 लाख रुपए है और आप पुराने टैक्स प्रणाली के हिसाब से टैक्स भरना चाहते हैं तो कुछ इस प्रकार आप अपना टैक्स क्लेम कर सकते हैं. इसमें प्रमुख बातें कुछ इस प्रकार ध्यान रखें.
Particulars | Amount (Rs) |
Gross salary income | 10,00,000 |
Less: House rent allowance (HRA) exemption | 2,40,000 |
Less: Standard deduction | 50,000 |
Net salary income | 7,10,000 |
Add: Interest income from savings accounts | 7,000 |
Add: Interest income from fixed deposits | 8,000 |
Add: Dividends from equity shares | 5,000 |
Gross taxable income | 7,30,000 |
HRA क्लेम करने के उपरांत अब पुराने टैक्स प्रणाली के अंतर्गत आने वाले डिडक्शन का फायदा उठाएं. जो कि कुछ इस प्रकार होगा. इसमें अब आप अपने investment, insurance, medical expenditure इत्यादि क्लेम करेंगे. जो की इस सिस्टम का सबसे बढ़िया बात हैं.
Particulars | Amount (Rs) |
Gross taxable income | 7,30,000 |
Less: Section 80C deduction | 1,50,000 |
Less: Section 80D deduction | 25,000 |
Less: Section 80CCD (1b) | 50,000 |
Less: Section 80TTA | 7,000 |
Net taxable income | 4,98,000 |
Income tax payable | 12,400 |
Less: Rebate u/s 87A | 12,400 |
Cess on income tax amount | 0 |
Final tax amount | 0 |
इस प्रकार से अपने पुराने टैक्स प्रणाली के अंतर्गत 10 लाख रुपए की कमाई पर भी अपना इनकम टैक्स बिना किसी अतिरिक्त पेमेंट के चुकाया.
New tax Filling System
अगर यही टैक्स आप नए टैक्स सिस्टम से भरते हैं तो आपका टैक्स कुछ इस प्रकार बनेगा
Particulars | Amount (Rs) |
Gross salary income | 10,00,000 |
Add: Interest income from savings accounts | 7,000 |
Add: Interest income from fixed deposits | 8,000 |
Add: Dividends from equity shares | 5,000 |
Gross taxable income | 10,20,000 |
Income tax payable | 79,000 |
Add: Cess @ 4% | 3,160 |
Final income tax amount | 82,160 |
विशेषज्ञों का कहना है कि इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस इत्यादि को नये टैक्स प्रणाली में जगह नहीं दिया गया है जिसके वजह से लंबे समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा क्योंकि अधिकांश लोग टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस लेते हैं जिससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलती है और लोगों के लिए एक जमा पूंजी भी बनी रहती है.