सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय के निधन के बाद, करोड़ों निवेशकों के मन में चिंता की लहर है। उनकी मुख्य चिंता यह है कि क्या उनका निवेशित पैसा अब डूब जाएगा। सहारा ग्रुप की चार कोऑपरेटिव सोसाइटीज में निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई जमा की थी, और अब उन्हें इसके रिफंड की आस थी। इस घटना के बाद उनके लिए यह एक बड़ा प्रश्न है कि उनका पैसा कैसे और कब मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और रिफंड प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2012 में लगभग तीन करोड़ निवेशकों को उनका पैसा ब्याज सहित वापस करने का आदेश दिया था। इसके अनुपालन में, केंद्र सरकार ने एक विशेष पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in/ की स्थापना की, जहां निवेशक अपने रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस पोर्टल के माध्यम से, सहारा समूह की चार सहकारी समितियों – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हुमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड – निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलेगा।
सुब्रत रॉय का पतन और सेबी की भूमिका
सुब्रत रॉय के पतन की शुरुआत सहारा ग्रुप की कंपनी प्राइम सिटी के IPO से हुई थी। उन पर नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप था, जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया था। सेबी ने भी सहारा की दो कंपनियों के निवेशकों को 11 साल में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए हैं। सुब्रत रॉय दो साल तक तिहाड़ जेल में रहे और साल 2016 से पेरोल पर जेल से बाहर थे। इस प्रकार, सहारा इंडिया के निवेशकों के लिए अभी भी उनके निवेशित पैसे की वापसी की उम्मीद बनी हुई है।