नौकरी के तलाश में जाते हैं कामगार
भारतीय कामगार नौकरी की तलाश में अक्सर खाड़ी देश जाते हैं। कभी कभी वहां उन्हें अप्रिय घटना का भी शिकार होना पड़ता है। कुछ ऐसा ही गांव मुन्ने का हरप्रीत सिंह के साथ भी हुआ था। वह भी सऊदी में अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए गए थे। लेकिन वहां स्थिति और धोखे ने उनकी जिंदगी मुश्किल कर दिया था लेकिन अब वह वापस अपने वतन सही सलामत लौट आए हैं। आइए जानते हैं कि उनके साथ सऊदी में क्या हुआ था?
2019 में गए थे सऊदी
हरप्रीत सऊदी में ड्राइवर का काम करने गया थे। वह वर्ष 2019 में सऊदी में उन्हें जारा ग्रुप ऑफ कंपनीज में बतौर ड्राइवर काम मिल गया था। एक दिन उसका दोस्त पाकिस्तानी व्यक्ति रशीद खान बख्त मनीर ने उन्हें गाड़ी में एक थैला रखने के लिए दिया जो उन्हें एक दुकानदार के पास पहुंचाना था।
बाद में पता चला कि वह थैला चोरी का था जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 1 साल जेल की सजा सुना दी गई। हरप्रीत पर 100 रियाल यानी कि करीब 2500 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।
वापस लौटे घर
समाजसेवी गौरव राणा और डॉ. दविंदर बजाड़ ने उनकी रिहाई के लिए अथक प्रयास किया। उनके पास जुर्माना भरने के पैसे नहीं थे इसलिए 19 महीना जेल में रहना पड़ा।
वह अपने घर वापस लौट आए हैं। घरवालों को काफी अच्छा लग रहा है। उन्होंने हरप्रीत के आने की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन जब मंगलवार को हरप्रीत घर लौटे तो उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।