सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर लागू फेम-2 (भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और उन्हें तेजी से अपनाना) योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी को कम कर दिया है।
यह फैसला एक जून 2023 को या उसके बाद पंजीकृत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर लागू होगा। भारी उद्योग मंत्रालय ने इन परिवर्तनों को अधिसूचित किया है। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए मांग प्रोत्साहन 10,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा होगा। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन की सीमा अब वाहनों के फैक्टरी मूल्य का 15 प्रतिशत होगी, जो पहले 40 प्रतिशत थी। फेम-2 योजना एक अप्रैल 2019 को तीन साल के लिए शुरू की गई थी। बाद में इसे 31 मार्च, 2024 तक के लिए और बढ़ा दिया गया था।
सरकार ईवी को दे रही बढ़ावा
दुनिया भर में सरकार ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर रही हैं, जो लोगों के इस डर को दूर करता है कि ड्राइविंग करते समय उसका चार्ज खत्म होने की स्थिति में वो रास्ते में फंस सकते हैं। यहां तक कि भारत सहित अन्य विकसित देशों ने अधिक आबादी वाले शहरों में परिवहन को आसान बनाने के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को प्राथमिकता दी गई है।
भारत सरकार का लक्ष्य, 2030 तक 22 मिलियन ईवी की बिक्री के साथ पारम्परिक ऑटो इंडस्ट्री को इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बदलने का है। एक इलेक्ट्रिक वाहन के रख -रखाव की लागत एक पारम्परिक ईंधन आधारित वाहन की तुलना 60 प्रतिशत तक सस्ती है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत 12 पैसे प्रति किमी तक ही आती है।
केंद्र और राज्य सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के बढ़ावा देने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। ऐसे में ग्राहकों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है ताकि उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी और कम रोड टैक्स जैसी सुविधाओं का लाभ मिल सके।